राक्षस अमित! यदि तुम लोगों को भरमाना छोड़ दो अपने पापकर्म से करे जा रहे जादू से तो लोग स्वयं अपनी पहचान पर लौट आएंगे। तुम मेरा चेहरा देखना चाहते हो तो हर उस गरीब का चेहरा देख लो जिसे तुमने अपने राक्षसी प्रभाव से चूस कर नकारा कर दिया है। भले मेरा चेहरा हजारों रूप में हो लेकिन सदबुद्धि एक है जो तुम राक्षसों को पहचान सकी है। ये तुम राक्षसों का ही मायावी प्रभाव है जिसके कारण सामान्य जन अपने हितचिंतकों को पहचान नहीं पा रहे हैं। हमारे बारे में तो
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एक जमाने से लिखा गया है लेकिन तुम्हारी काली जादुई करतूतें लोगों को भरमाए रहती हैं(पहले तुम्हारी पहचान एक मर्द के रूप में थी फोटो में अब जनाने बन गए हो), ये खुलासा इतनी जल्दी नहीं करना है हम चाहते हैं कि लोग खुद ही तुम्हारी दानवी कारगुजारियां देख कर समझ सकें। अब भड़ास के मंच पर तुम राक्षसों का असली चेहरा सामने आ रहा है जैसे कि एक पाखंडी राक्षस महावीर सेमलानी मुंह छिपा कर भाग गया है एक दिन तुम भी मुंह काला करके भागोगे। जैसे तुम लोगों ने भाई रणधीर सिंह सुमन जी की जान लेने की कोशिश करी है वैसे ही मुझे भी निपटाना चाहते हो पर हम तुम्हारी क्षमता जानते हैं कि तुम दानव हर उस इंसान को मारना चाहोगे जो तुम्हें पहचान गया है। महावीर सेमलानी तो अपने दानव गुरुओं के जिनों,भूतों और पिशाचों से यही काम करा रहा होगा लेकिन अब तुम्हारी ज्यादा दिन नहीं चलने वाली हम गुमनामों को भड़ास का मंच मिल गया है।
अनूप मंडल
जय जय भड़ास
जय नकलंक
1 comment:
अमित भाई आपको तस्वीर बदलने की क्या जरूरत आ पड़ी अच्छी भली शख्सियत है आपकी????
जय जय भड़ास
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