नाज

हर ध्‍ड्रकन में एक राज्र होता है
हर बात को बताने का एक अंदाज्र होता है
जब तक ठोकर न लगे बेवफाई की
हर किसी को अपने प्यार पे नाज्र होता है.........
नाज हमे भी है उन की बेवफा बातो पर
या कहिये उन की इन्ही अदाओ पर

2 comments:

डा.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) said...

हर धड़कन में एक राज़ होता है...
पर क्या हर भूखे के पेट में अनाज होता है?
क्या मसालेदार तुकबंदी पेली है साला अपुन भी कवि-बिवि बन गएले लग रएला है:)
जय जय भड़ास

अमित जैन (जोक्पीडिया ) said...

wah dr sahab

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