चलू गामक भोर के याद करू आ गाम सय भय आऊ !!!

गाम सय अयला बहुत दिन भय गेल मुदा याद अखन धरि ओहिना अइछ जखन जखन ई फोटो के देखैत छी तय बस मोन होइत अइछ जे गाम परा जाई मुदा की करू ई संभव नही। देखैत देखैत एक दिन विचार जे ई फोटो सय गामक लोग के कनि गाम सय घुमा फिर दियैन आ संगे ध्यान तमाम ओहि लोक सभ सय जे हमर मिथिला आ मिथिलावाशी के लेल किछु कय सकैत छैथ।

बाहर कोनो क्रियाकलाप होय मुदा गाम जाइते सभ गोटे के दैनिक कार्यक्रम वापस गाम जेना भय जाइत छैन्ह, हमहूँ अहि सय इतर नहि। भोरे उठलहुं तय भोरका आनंद मोबाईल संगे विदा भय गेलहुं कोठा पर आ ताहि ठाम सय लेलहुँ किछु भोरका फोटो। निश्चय अहुं के गामक दृश्य यैह होयत से देखि कय विचार जरुर देब।





चिन्वारक धुंआ आर दालान पर बाबा-कक्का के दिनका काजक शुरुआत


सूर्योदय सय पुर्वहि लोगक चिनवार सय उठैत धुंआ, गामक विशिष्ट पहिचान !!!


भोर भेल, काका रद के खुट्टा सय बान्है लेल अयलाह खरिहानबटेसरी माय चलल काज पर !!!


सूरज उगल नहि मगर फुलचनमा विदा भेल बर्फ के डिब्बा लय कय नेना भुटका के लेल बर्फ बेचबाक वास्ते !!!



सुरजक पहिल दर्शन आमक मंजर, बस मोन जे देखैत रही अद्भुत प्रकृति !!!



लियह भगवानक प्रसन्न चित मुखक दर्शन सेहो भेल, अहुं करू !!!


माइंजन के टायरगाड़ी विदा भेल हाट, बिल्टू काका लगबैत सानी, मंगल बाबा चलला खेत !!!


बाडी में फ़ुलाइत आमक मज्जर गमका रहल थीक सौंसे दलान !!!


अनिल काका पोता नाती के लय कय विदा भेला बाडी !!!


मुखिया पट्टी वाली बौकू के संगे दूध लय कय विदा भेलीह!!!


भोरका काल खरिहान में राहारिक फ़ुलाइत फूल !!!!


अड़हुलक फूल अपन यौवन में, देखि कय याद करू गीत..........

लाले लाले अड़हुल के माला चढ़ौलहुं ...........


चंद्रमणि के ई गीत, अड़हुल के फूल आ भोरका काल से भगवती के अलावे किछु अन्य सुझितो तय नहि अइछ।

फोटो के बहाने गामक के एक टा छोट यात्रा छल, विचार सय अवगत कराऊ।

हिंदी में पढने के लिए यहाँ जाएँ....

8 comments:

शोभा said...

bhasha to samajh nahin ayi kintu chitra bahut sundar lage.

Anwin said...

Hi Rajneesh, reached here through the IndiBlogger Delhi NCR blogger meet page. Looking forward to meet with you and other Delhi bloggers.

Cheers,
Anwin
IndiBlogger.in

Bandana Jha said...

Very nice!

Prabhat Gopal Jha said...

bahut badhia rajneesh bhai. mon khush bha gel. aar ki haal chal chai.

वन्दना said...

gaon ke darshan kara diye........chitra sundar hain bhasha to thodi mushkil thi.

रंजनी कुमार झा (Ranjani Kumar Jha) said...

भाई,
गामक याद करा देलहुं, धन्यवाद. बस मों करैत आइछ जे देखिते रही.
धन्यवाद

अग्नि बाण said...

भाई अपुन को भी गाँव जाने का है, क्या शानदार तस्वीर लगा राखी है, देख कर ही मन खुश हो गया. धन्यवाद भाई

anuradha srivastav said...

सुन्दर अति सुन्दर गांव और वहां के भाव-भीने से फोटो मन को छू गये। दिल के कोने में एक कसक भी जगा गये-भागती-दौडती मशीनी ज़िन्दगी के बीच सुकूं के उन पलों से हम काफी दूर हैं।

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