एक जैन लेखक के अनुसार असुर, दानव अथवा राक्षस प्राचीन काल से कहा जाता रहा है


ये वो प्रमाण हैं जो कि सिद्ध करते हैं कि जैन राक्षस हैं और वे ही भगवान की बनाई इस कुदरत का सत्यानाश करने पर उतारू हैं ताकि सब मानवों को आतंकित कर सारे संसार पर जैन शासन स्थापित कर सकें।
ये रहा उस पुस्तक के उस अंश का हिन्दी अनुवाद, अब अमित कहेगा कि ये पुस्तक हमने छपवा दी है ताकि भोले-भाले जैनियों को बदनाम कर सकें(कितना भोला है बेचारा...... पाप का राज़ खुल जाने पर सब भोले ही बन कर बचने की कोशिश करते हैं)
जय नकलंक देव
जय जय भड़ास

16 comments:

Suman said...

nice

दीनबन्धु said...

अभी हम अगर कुछ लिखेंगे तो अमित बाबू रिसिया जाते हैं कि दो-चार लोग मिल कर उनकी ले रहे हैं तो हमने इस मुद्दे पर बोलना ही बंद कर दिया। लेकिन अनूप मंडल के लोगों की बात न तो तथ्यहीन रहती है न ही तर्कहीन।
जय जय भड़ास

मुनेन्द्र सोनी said...

अनूप मंडल के ग्रन्थों ने ऐसे हजारों तथ्य दिये हैं कि जैन मूलतः राक्षस ही हैं लेकिन यदि ये अपने दुष्कर्म बंद कर दें तो मानव जैसे ही हैं, ग्रन्थों और इतिहास में तो घालमेल हुई ही है ये तो सब जानते हैं। मैक्समूलर, वेबर आदि ने वेद आदि की खूब मनमानी फ़जीती करी है। यही वजह है कि राम आदि इतिहास न रह कर "माइथोलाजी" बनकर रह गये।
जय जय भड़ास

ashok said...

अजीब बकवास है आप महावीर या बुद्ध के जीवन को देखें कहाँ है राक्षस यदि किसी ने भी लिख दिया तो वो प्रमाण नहीं हो जाता लेखक की भी प्रामाणिकता होनी चाहिए विचार धारा में कहाँ विरोध है ये तो कतिपय तुच्छ लोगों ने समाज को तोड़ने के लिए उटपटांग लिख डाला

ashok said...

अजीब बकवास है आप महावीर या बुद्ध के जीवन को देखें कहाँ है राक्षस यदि किसी ने भी लिख दिया तो वो प्रमाण नहीं हो जाता लेखक की भी प्रामाणिकता होनी चाहिए विचार धारा में कहाँ विरोध है ये तो कतिपय तुच्छ लोगों ने समाज को तोड़ने के लिए उटपटांग लिख डाला

अनोप मंडल said...

प्रिय अशोक जी,जिसे आप अजीब बकवास कह रहे हैं और समाज को जोड़ने की दुहाई देकर आरोप जड़ रहेहैं तो जान पड़ता है कि आप इस विषय के अवश्य ही बड़े विद्वान हैं। लेकिन आपके प्रोफ़ाइल पर जाकर जानना चाहा कि आप क्या हैं तो आपने प्रोफ़ाइल पर बुरका पहन रखा है। यदि सचमुछ विमर्श में आना चाहते हैं जिसे कि कई लोग समझ भी पा रहे हैं तो जरा खुल कर आइये और भड़ास तो सभी के लिये खुला है। हमारी बात को अप्रामाणिक ठहराने के प्रमाण ले आइये क्योंकि हमने तो लेखक से लेकर प्रकाशक तक के नाम पते दिये हैं और ये हमारे रिश्तेदार नहीं है। क्या आप भी जैन हैं ये जरूर बता दीजियेगा या अमित,संजय बेंगाणी अथवा महावीर सेमलानी जैसे ढकोसलेबाज हैं जो जैन होकर भी हिन्दू धर्म के आदर का नाटक करते हैं।
जय नकलंक देव
जय जय भड़ास

parul said...

dekhiye danab kon nahi hai , aaj k samay me to hum hi danav hai ab jainiyo ko kaha ja raha hai. har cheej k do pahlu hai ek aacha or ek bura, MAHAVIR SWAMI jaise bhagwan b yaha aaye hai, ye kyo bhul gaye.

Ashok Rathi said...

इस तरह की चीजें हर धर्म के बारे में मिल जायेंगी बेहतर हो हम इन्हें बढावा न दें क्योंकि हमेशा ही कुछ लोग रहें हैं जिनका काम ही ये सब लिखकर लाइम लाइट में आना है आप देखें सिर्फ उस व्यक्ति का चरित्र जिसने कोई भी अच्छा मार्ग दिखाया दोष ढूंढने में सिर्फ बौद्धिक कसरत है अच्छाइयों को ही आगे बढ़ाना चाहिए बाकी आप स्वयं प्रबुद्ध हैं. ...

Nitin Sabrangi said...

sach to kadwa hota hai bhai ji. fir esko jemna kon chahega? eska jeyada perchar uchit nahi.

संजय बेंगाणी said...

मैं इसे स्वीकारता हूँ कि हम जैन राक्षस है. न स्वीकारूँगा तो आप आहत होगें और हमारे धर्म में किसी को शारीरिक क्या मानसिक आघात पहूँचाना भी पाप है.

मुनव्वर सुल्ताना said...

जबकि कमेंट माडरेशन औन है फिर भी अशोक राठी और नितिन सबरंगी जी बिना अनुमति के कमेंट कर रहे हैं और प्रकाशित हो रह है। ये क्या कारण है कि अनूप मंडल और जैन विवाद की किसी पोस्ट में ही इस तरह के कमेंट्स आते हैं बाकी किसी महत्त्वपूर्ण पोस्ट पर आजतक ऐसे लोगों के कमेंट्स नहीं देखे। आप लोग क्यों भड़ासियों को मूर्ख समझ रहे हो, सरलता को मूरखता मानना ही तो दुष्टता है। ये कमेंट्स दोनो माडरेटर श्री रजनीश झा और डा.रूपेश श्रीवास्तव में से किसी ने अनुमति नहीं दिये हैं ये उन्होंने खुद फोन पर बताया। अनूप मंडल वाले लोग इस तरह के कमेंट्स का रहस्य खोल चुके हैं।
जय जय भड़ास

mr_jurm said...

अनूप तेरे प्रोफाइल पर किसी बूढे का फोटो लगा है , क्या वो तू है , तेरा और कोई लिंक नजर ही नहीं आ रहा , की तू नर है या मादा , या जानवर तो नहीं / और ये क्या लगा रखा है , और तेरे साथ ये सुमन ,दीनबंधु क्या 4th class के है जो ,इतना फुदक रहे है

chandrapal said...

very informative article ..pls send me regular ur article...chandrapal@aakhar.org

अनोप मंडल said...

@mr_jurm
राक्षस की औलाद अपने काल स्वामी अनूप दास को नहीं पहचानता तभी ऐसा बोल रहा है। तू क्या है तेरा क्या वजूद है चिरकुट! छछूदर की पैदाईश !! हम नर हैं या मादा ये तो हम सब बतायेंगे लेकिन तू क्या सचमुच हिजड़ा है जो अपनी पहचान छिपा रहा है।(आदरणीय मनीषा दीदी क्षमा करें)। तू अपना नाम ही मिस्टर जुर्म रख कर बता रहा है कि तू क्या है, हम सब जानते हैं कि तुम जैन राक्षसों के टुकड़ों पर पलने वाले नीच हो। जिन सुमन जी और दीनबंधु जी के बारे में लिख रहा है वो भी तेरे काल ही हैं और किस क्लास के हैं ये तू जान पाएगा। चंद्रपाल जी हार्दिक आभार
जय नकलंक देव
जय जय भड़ास

rajkumar said...

तेरी पहचान क्या है अनूप , तेरे प्रोफाइल पर कुछ भी नहीं है , अब अपने असली रूप को दिखा दिया ,तुम ने जुर्म को हिजडा गाली भी दे दी , और अपने आप को सिद्ध भी कर दिया , अरे हिजडा तो सिर्फ लंगिग विकलांग होता है पर तुम लोग तो मानसिक विकलांग हो , तुम जैसे लोगो को पागलखाने भेज देना चाहिए , अब तुम भी तो बता दो की तुम सूअर की पैदाइश हो या कुते की , जो यहाँ ओरो को छछूदर की पैदाईश बता रहे हो / थू है तेरे पर और तेरे काल स्वामी अनूप दास पर भी / अपना पता बता फिर देख तेरा क्या होता है ? ...............की औलाद ( खाली जगह खुद भर लियो , तेरे लिए आसान रहेगा )

Unknown said...

अरे आप जो भी करो आखिर में सच्चाही की ही जीत होती हे ! दानवो का बहुत ही जल्द अंत होने वाला हे!

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