आज हिंदी दिवस है.

आज ही के दिन सन् 1949 को भारत की संविधान सभा में एक प्रस्ताव रखा गया था कि हिंदी भारतीय गणराज्य की प्रमुख राजभाषा होगी.

क्या आप जानते हैं कि यह प्रस्ताव किसने रखा था?

यह प्रस्ताव रखा था प्रसिद्ध तमिल नेता श्री गोपालस्वामी आयंगार ने और यह प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया था.

अंकों को लेकर कुछ मतभेद ज़रूर था. इसलिए दक्षिण के नेताओं के सुझाव को मानते हुए अंतर्राष्ट्रीय अंकों को स्वीकार कर लिया गया था.

संविधान सभा के एक सदस्य श्री फ़्रैंक एन्थॉनी ने रोमन लिपि का भी सुझाव दिया था,लेकिन अन्य सदस्यों की भावना का आदर करते हुए उन्होंने यह प्रस्ताव वापस ले लिया.

इस प्रकार 26 जनवरी,1950 से भारत के संविधान के अनुच्छेद 343 के अनुसार हिंदी भारत की प्रमुख राजभाषा बन गई और अहिंदीभाषियों की भावना को देखते हुए अंग्रेज़ी को अगले 15 वर्षों तक गौण राजभाषा के रूप में स्वीकार कर लिया गया.

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