इनके जब मन में आयेगा खुद को हिंदू बताएंगे जो कि खुद इनके परिचय से स्पष्ट है(चित्र कारेखांकित भाग पढ़े)
भोलेपन की कुटिलता दिखा कर खुद को जैन बताते महाशय, जानते हैं कि खुद को जैसे अमित पहले राक्षस मान चुका है वैसे ही जब ताकत बढ़ चुकी है तो स्वीकार लेने में क्या हर्ज है कोई क्या बिगाड़ लेगा?
अभी पिछले कुछ दिनों में आप सबने देखा कि जैनों का पाखंड जिस तरह अनूप मंडल के भाविकों द्वारा सामान्य मानव कुल के सामाने लाया जा रहा है तो इनमें बौखलाहट बढ़ गयी है और ये उसके चलते कभी गालियां कभी भोलापन दिखाना और कभी तकनीकी चालाकियों से अपने पक्ष में भड़ास पर कमेंट देना न जाने क्या-क्या कर रहे हैं। हमारी पिछली पोस्टों में हमने महावीर सेमलानी और संजय बेंगाणी के बारे में बताया था कि किस तरह से राक्षसों ने हिन्दू धर्म में घुस कर इसे भ्रष्ट करा है। ये दुष्ट खुद को हिन्दू बता कर हमारी जड़ों तक पहुंच गये और भोलेपन का नाटक रचाकर ये रावण के इंद्रजाली धर्म को इतना बिगाड़ दिये कि वह आम आदमी को विचित्र प्रतीत होने लगा जिस कारण लाखों लोग हिन्दू धर्म की कुरीतियों और बुराइयों से आजिज आकर मुस्लिम और ईसाई बन गये वरना धर्म परिवर्तन के की कोई आवशकता ही न थी। इन लोगों ने धर्म और इतिहास दोनो को बिगाड़ा है जिस कारण भारत में ही भगवान राम के अस्तित्त्व पर सवालिया निशान लगा दिया जाता है और रामायण महाभारत को "माइथोलाजी" बता दिया जाता है। कल तक ये आदमी संजय बेंगाणी खुद को जैन होकर भी हिंदू बता रहा था लेकिन आज बौखलाहट में खुद को जैन स्वीकार रहा है। ये है इन राक्षसों की असलियत, ये वैसे खुद को हिंदू जताते रहते हैं लेकिन जब आअक्षण या आर्थिक लाभ की बात आती है तो कानूनी तौर पर अल्पसंख्यक जैन बन जाते हैं। आप इनकी असलियत अब तक न समझ पाये कि किस कदर मानवता का शोषण कर रहे हैं। दोनो बातें इन्हीं के कथनों की चित्रों से सिद्ध करी जा रही हैं अगर साहस है तो इस विमर्श में उतर कर बताएं और उक्त पुस्तक के बारे में पता करें जो कि इनके ही शहर से प्रकाशित है।
जय नकलंक देव
जय जय भड़ास
4 comments:
सही है भाई.... आपने अब तक जो लिखा है प्रमाण के साथ लिखा वरना भड़ास पर लतिया कर चलता कर दिये जाते। महावीर सेमलानी हों या संजय बेंगाणी आप सच कह रहे हैं कि जब मन चाहे हिंदू बनेंगे जब मन चाहेगा जैन बन जाएंगे। एक और बात हिंदू धार्मिक संगठनों में भी इनकी घुसपैठ है तो फिर भगवान ही जाने कि हिंदू क्या हैं और कौन हैं.....
अभी भाई रणधीर सुमन जी की टिप्पणी आएगी...
nice...
:)
जय जय भड़ास
सही है भाई.भगवान ही जाने कि हिंदू क्या हैं? कौन हैं?
क्या बेंगाणी बाबू जैन बन कर ही आहत न करने की बात दिमाग में आती है खुद को हिन्दू मान कर ऐसा करने में शायद अड़्चन हो रही होगी, है न?? बस करो यार ढकोसलेबाजी कि तुम हिंदू हो भगवान राम को मानते हो ।
जय जय भड़ास
मैं जैन हूँ और खूद को हिन्दु मानता हूँ. कोई अनुप मण्डल जैसा इस्लाम परस्त क्या कहता है मुझे परवाह नहीं.
रही बात हिन्दुओं का क्या होगा? तो अनुप जैसे लोगों की वजह से हम हिन्दुओं का भारत में भी वही होगा जो पाकिस्तान में हुआ है.
भगवान बुद्धिहीन लोगो को समझने की क्षमता दे....
जय हिन्द
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