अदालत ने जिन धाराओं में मामला दर्ज करने को कहा है उनमें 376 यानी बलात्कार, 420 यानी धोखाधड़ी, 306 यानी खुदकुशी के लिए उकसाने और 506 का मामला दर्ज किया जा रहा है.
इस मामले में निरुपमा की मां को पुलिस ने गिरफ्तार जरूर किया था, मगर अब तक की जांच में पुलिस को कुछ खास हाथ नहीं लगा है.
निरुपमा का परिवार दावा कर रहा है कि उसने खुदकुशी की थी, जबकि प्रियभांशु का कहना है कि निरूपमा के घरवालों ने ही उसकी जान ली है. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में भी गला दबाकर कत्ल करने की बात सामने आई है, मगर सवाल पोर्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टरों की टीम पर भी उठे जिन्होंने निरुपमा का विसरा और भ्रूण संभालकर नहीं रखा.
इधर झारखंड पुलिस की एक टीम दिल्ली में प्रियभांशु से पूछताछ कर रही है, क्योंकि प्रियभांशु ने जान को खतरे का हवाला देकर कोड़रमा जाने से इंकार कर दिया था.
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