झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से 50-50 फार्मूले के आधार पर सत्ता में साझीदारी की मांग की है। झामुमो ने यह मांग ऐसे समय की है जब भाजपा ने दो दिन पहले ही कहा था कि वह वर्तमान सदन के शेष कार्यकाल (साढ़े चार साल) में गठबंधन सरकार का नेतृत्व करेगी।
तीन घंटे तक चली पार्टी विधायक दल बैठक की अध्यक्षता करने के बाद सोमवार रात मुख्यमंत्री शिबू सोरेन और उनके बेटे हेमंत सोरेन ने संवाददाताओं से कहा कि पार्टी गठबंधन सहयोगियों के बीच सत्ता साझीदारी के मुद्दे पर भाजपा के जवाब का इंतजार करेगी और 12 मई को इस पर फिर से चर्चा करेगी।
झामुमो विधायक दल के नेता हेमंत ने कहा कि भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी के साथ बैठक के दौरान हमने 28-28 महीने के लिए सत्ता साझीदारी का प्रस्ताव रखा था। लेकिन अब हमें पता चला है कि भाजपा पूरे कार्यकाल के लिए राज्य का शासन करने की इच्छा व्यक्त कर रही है।
उन्होंने कहा कि राज्य में स्थिरता और विकास के लिए हमने मुख्यमंत्री पद भाजपा को दिया। और अब 50-50 फार्मूले के आधार पर सत्ता साझीदारी के मुद्दे पर विचार करना उसके ऊपर निर्भर करता है। यह पूछे जाने पर कि मुख्यमंत्री शिबू सोरेन कब इस्तीफा देंगे, हेमंत ने कहा कि पहले भाजपा को मुख्यमंत्री पद का अपना उम्मीदवार चुनने दीजिए और 50-50 फॉर्मूले पर रुख स्पष्ट करने दीजिए। सोमवार रात हुई बैठक में पार्टी के 18 में से 14 विधायक शामिल हुए।
हेमंत ने बताया कि झामुमो विधायक दल की बैठक में यह भी महसूस किया गया कि भाजपा को मुख्यमंत्री पद के लिए किसी आदिवासी नेता को चुनना चाहिए। अब राज्य के हित में राजनीतिक स्थिरता सुनिश्चित करना भाजपा पर निर्भर करता है।
उन्होंने कहा कि भाजपा को राज्य में 28 महीने तक सरकार का नेतृत्व करना चाहिए और उसके बाद झामुमो को शासन देने के लिए मार्ग प्रशस्त करना चाहिए। सोरेन ने यह भी कहा कि झामुमो ने पांच मंत्री पद दिए जाने का प्रस्ताव पेश किया है।
भाजपा ने केंद्रीय पर्यवेक्षक राजनाथ सिंह और अनंत कुमार नियुक्त किए हैं जो मंगलवार को नया मुख्यमंत्री चुनने में विधायकों की मदद करने के लिए रांची जाएंगे।
झामुमो के वरिष्ठ नेता और विधायक सिमोन मरांडी ने कहा कि बैठक के दौरान दो मत उभरकर आए। एक समूह फिर से भाजपा के साथ जाने का विरोधी था, जबकि दूसरे ने इसका समर्थन किया।
तीन घंटे तक चली पार्टी विधायक दल बैठक की अध्यक्षता करने के बाद सोमवार रात मुख्यमंत्री शिबू सोरेन और उनके बेटे हेमंत सोरेन ने संवाददाताओं से कहा कि पार्टी गठबंधन सहयोगियों के बीच सत्ता साझीदारी के मुद्दे पर भाजपा के जवाब का इंतजार करेगी और 12 मई को इस पर फिर से चर्चा करेगी।
झामुमो विधायक दल के नेता हेमंत ने कहा कि भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी के साथ बैठक के दौरान हमने 28-28 महीने के लिए सत्ता साझीदारी का प्रस्ताव रखा था। लेकिन अब हमें पता चला है कि भाजपा पूरे कार्यकाल के लिए राज्य का शासन करने की इच्छा व्यक्त कर रही है।
उन्होंने कहा कि राज्य में स्थिरता और विकास के लिए हमने मुख्यमंत्री पद भाजपा को दिया। और अब 50-50 फार्मूले के आधार पर सत्ता साझीदारी के मुद्दे पर विचार करना उसके ऊपर निर्भर करता है। यह पूछे जाने पर कि मुख्यमंत्री शिबू सोरेन कब इस्तीफा देंगे, हेमंत ने कहा कि पहले भाजपा को मुख्यमंत्री पद का अपना उम्मीदवार चुनने दीजिए और 50-50 फॉर्मूले पर रुख स्पष्ट करने दीजिए। सोमवार रात हुई बैठक में पार्टी के 18 में से 14 विधायक शामिल हुए।
हेमंत ने बताया कि झामुमो विधायक दल की बैठक में यह भी महसूस किया गया कि भाजपा को मुख्यमंत्री पद के लिए किसी आदिवासी नेता को चुनना चाहिए। अब राज्य के हित में राजनीतिक स्थिरता सुनिश्चित करना भाजपा पर निर्भर करता है।
उन्होंने कहा कि भाजपा को राज्य में 28 महीने तक सरकार का नेतृत्व करना चाहिए और उसके बाद झामुमो को शासन देने के लिए मार्ग प्रशस्त करना चाहिए। सोरेन ने यह भी कहा कि झामुमो ने पांच मंत्री पद दिए जाने का प्रस्ताव पेश किया है।
भाजपा ने केंद्रीय पर्यवेक्षक राजनाथ सिंह और अनंत कुमार नियुक्त किए हैं जो मंगलवार को नया मुख्यमंत्री चुनने में विधायकों की मदद करने के लिए रांची जाएंगे।
झामुमो के वरिष्ठ नेता और विधायक सिमोन मरांडी ने कहा कि बैठक के दौरान दो मत उभरकर आए। एक समूह फिर से भाजपा के साथ जाने का विरोधी था, जबकि दूसरे ने इसका समर्थन किया।
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