आदरणीय मनोज भाईसाहब,आपने हमें सबसे बड़ा भड़ासी माना हमारे लिये ये सम्मान की बात है। हमारी लड़ाई पिछले एक सौ तीस साल से चल रही है लेकिन चूंकि मीडिया जैनियों के पैसों की ताकत में दबा हुआ है इसलिये हमारी बात किसी को पता ही न चल पाई। भड़ास पर हमारे लिए अवतार स्वरूपी परम आदरणीय डा.रूपेश श्रीवास्तव जी ने हमें स्थान दिया जिस कारण हम अपनी बात को दुनिया के सामने रख पाए। आज यही कारण है कि हमारी बातों पर आदरणीय सुमन भाईसाहब जैसे लोग विचार कर पा रहे हैं। शेष आप के ऊपर है। हम दबे कुचले लोग हैं, गरीब लोग हैं ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं हैं इसलिये हो सकता है कि अपनी बात को आप सबके सामने सही प्रभावी शब्दों में रख सकें लेकिन जो कहा वह सत्य है।
जय नकलंक देव
जय जय भड़ास
2 comments:
ham aapk sath hai.fanhai.
loksangharsha
प्रभु कुछ ज्यादा ही सम्मान हो गया। जैसे कुत्तों को घी हज़म नहीं होता वैसे ही भड़ासियों को सम्मान हज़म नहीं होता उल्टियां करने लगते हैं इसलिये मेहरबानी करके हमें बख्श दीजिये। सुमन भाई आपके फैन हैं तो हम आपके एग्जास्ट फैन हैं लेकिन अवतार स्वरूप और महान आदि होने का आरोप हटा लीजिये वरना पगला कर दो चार को भस्मासुर होने का आशीर्वाद दे देंगे और फिर अपनी बचाते भागेंगे सुमन जी के पास :)
जय जय भड़ास
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