धुम्रपान छोड़ सकते हैं,बस मन में संकल्प करें !

अधिकतर धूम्र पान करने वालों से पूछा जाय कि वे क्यों धूम्र पान करते हैं तो कहते हैं , " मैं तो बस तनाव कम करने के लिए पीता हूँ" शायद उन्हें यह नहीं मालूम कि उसमे करीब 4000 रासायनिक तत्व और सैकड़ों विषैले पदार्थ रहते हैं जो उनके शरीर में धीरे धीरे असर करता है

शुरू में तो लोग तनाव कम करने के लिए पीते हैं पर धीरे धीरे उनका शारीर निकोटिन का आदी हो जाता और तब उस लत को छोड़ना बहुत मुश्किल होता है पर क्या उसे यह मालुम है कि शुद्ध निकोटिन की एक बूँद उसकी जान ले सकती है।एक सिगरेट में करीब 10 मिल्लिग्राम निकोटिन रहता है जिसमेसे मनुष्य के शरीर में 1-2 मिल्लिग्राम ही जाता है इसे धीमी गति का जहर भी कहते हैं

पर क्या इस लत को छोड़ा नहीं जा सकता , क्या यह छोड़ना इतना मुश्किल है ? यदि व्यक्ति चाहे तो मुश्किल कुछ भी नहीं होता , बस मन में संकल्प शक्ति होनी चाहिए और छोड़ने की इच्छा। यों तो लोग कहेंगे भाषण है पर फिर भी मैं बता दूँ ......
यदि आप सच में सिगरेट छोड़ना चाहते हैं तो यह कठिन नहीं है ..... जब भी आपको धूम्र पान करने की इच्छा हो बस जितनी गहरी सांस ले सकते हैं लीजिए और धीरे-धीरे छोड़ दें। ऐसा तीन बार करें। सोचिए कि आपका सारा तनाव धीरे-धीरे कम हो रहा है। यह योगिक तकनीक है, लेकिन इससे आपका तनाव कम होगा और आप आराम महसूस करेंगे। इसे प्रतिदिन करें, कुछ दिनों में ही फर्क महसूस होने लगेगा।

ज्यों ही धूम्र पान करने की इच्छा हो ....तुरन्त पानी या कोई पेय पदार्थ पी लें इससे आपकी धूम्र पान की इच्छा जाती रहेगी और कुछ ही दिनों में आप इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं

अपनी दिनचर्या में बदलाव लाकर भी धूम्रपान की लत से छुटकारा पाया जा सकता है। व्यायाम करें, सुबह या शाम जब भी समय मिले टहलें । इससे आपको अच्छा महसूस होगा।


----- कुसुम ठाकुर ----

6 comments:

सलीम ख़ान said...

sahi kaha aapne maine pasand ka ek chatka laga diya hai

maine bhi dhumrpaapar ek lekh likha hai

yahan padhen

sVachchhsandesh.blogspot.com

राजेन्द्र मीणा said...

बहुत अच्छी जानकारी .....अच्छा सन्देश मिला ....पर हम धुम्रपान नहीं करते ......किसी और लत के शिकार है ....अगर शराब के अच्छे-बुरे प्रभावों के बारे में जानकारी लाये तो ...अवश्य सूचित करे आपके आभारी रहेंगे ....फिल हाल इस जानकारी के लिए ...शुक्रिया

http://athaah.blogspot.com/2010/05/blog-post_4890.html

honesty project democracy said...

चिंतन-मनन कर लिखी गयी इस रचना के लिए आपका धन्यवाद /

jay said...

जार्ज बर्नार्ड शा ने कहा था..."धूम्रपान छोडना कौन सा मुश्किल काम है. मै इसे पचासों बार छोड़ चुका हूं....!" हा हा हा हा .
पंकज झा.

Anonymous said...

maine puri tarah se chod diya hai...jyada mushkil nahi hui

महफूज़ अली said...

मैं to सिगरेट hi नहीं पीता...

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