हमारे रजनीश भाई ठहरे भयंकर भड़ासी; सो भड़ास पर जो करते हैं सो करते ही हैं और जब ज्यादा उबकाई आने लगती हैं तो अन्य ब्लागॊं पर भी जाकर अपनी तेजाबी टिप्प्णियों से लोगों की सुलगाने लगते हैं। एक निवेदन कर रही हूं इस पोस्ट के द्वारा इन हजरत से कि महाराज अब कसम खाइये कि किसी मुद्दे पर अगर किसी ने हगा-मूता है तो आप उसका विश्लेषण करने न जाया करें जो करना है यहीं करिये वरना क्या होता है आपको पता है न? आपकी टिप्पणियों को डिलीट कर आपसे अत्यंत कुटिलता पूर्ण मैत्री भाव दिखाते हुए माफ़ी मांग ली जाती है। हम आपकी टिप्पणियों की दिल से इज्जत करते हैं, आपकी हर टिप्पणी में कड़वी दवा जैसा असर होता है। आप दिशा देने की क्षमता रखते हैं तो मेहरबानी करिये और कहीं और किसी को उंगली मत करिये। हमारा समूह ब्लाग ही लोगों के शराफत के मुखौटे के चिथड़े उड़ाने की ताकत रखता है। हम मठाधीशी कुटिलता से परे हैं भले हमें लोग बुद्धू और ढक्कन समझें हमें कुबूल है लेकिन यही हमारी ताकत है जो हम बाजार से नहीं खरीद कर लाए, ये ताकत तो भीतर से पैदा होती है।
जय जय भड़ास
1 comment:
भाई,मुबारक हो :)मखमल में लिपटा जूता खाकर कैसा लगा?
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