जिस तरह से A Wednesday नामक फ़िल्म में उस फ़िल्म का मेन कैरेक्टर नसीरुद्दीन शाह अपने खिलाफ़ करी जाने वाली हर कार्रवाई को सीधे ही टी.वी. पर देख रहा होता है ठीक उसी तरह हमारे देश के सारे न्य़ुज चैनल जो कि सबसे तेज रहते हैं कि ये खबर सबसे पहले हमारे चैनल ने दिखायी ऐसी दुहाई देते रहते हैं इस कंपटीशन में सब दिखाये जा रहे हैं मनोरंजन प्रेमी कोई मेरे जैसा आतंकवादी हर आधे घंटे में पांच-दस मिनट हर न्य़ुज चैनल देख लेता होगा और बाकी समय कार्टून नेटवर्क और पोगो चैनल देखता होगा कि हमारे लिये ससुर और साले किस तरह से इंतजाम कर रहे हैं फिर वो उस जगह पर जाकर एक ग्रेनेड फेंक कर आता होगा और चैनल बदल कर कार्टून देखता होगा, कब ये साले न्युज चैनल वाले इस तरह की संवेदनशील बातें खबर बनाने के चक्कर में दिखाना छोड़ेंगे. बाजार में अगर आप बीस किलो सब्जी भी खरीद कर घर लाएं तो लोगों की नजर में आ जाती है इतना सारा गोला-बारूद हमारे शहर में आ जाता है और सुरक्षा इंतजाम करने करने वालों को हवा तक नहीं लगती?
3 comments:
आज कुछ समय पहले फिर एक बार वी.टी. रेलवे स्टेशन पर फायरिंग हुई और ग्रेनेड से हमला हुआ है लेकिन इस बात को तुरंत ही कमिश्नर राय ने अफवाह बता दिया कि हड़बड़ाहट न पैले लेकिन मैं खुद वहां भीख मांगने गयी थी और भाग कर एक इंजन में चढ़ गयी वहां ड्राइवर पहले से ही दुबके हुए थे बेचारे मुझे ही देख कर घिघिया गये।
बहुत सटीक बात कही है आपने यही हो रहा है
चचा,
ढोल का पोल मीडिया चैनल, और अपने लाला जी के दल्ले ये पत्रकारों की टोली, बड़ी सटीक बात लिखी है आपने, और जिस तरह हरेक घटना के बाद इनका दावा होता है अद्भुत, कभी कभी तो लगता है की हमारे यहाँ से सीआईडी और सीबीआई सरीखे संस्था बंद कर के इन चैनलों के हवाले कर देनी चाहिए,
काम तो ये भी इन्हीं एजेंसी सरीखे करते हैं, चाहे नेता की दलाली हो या फ़िर अपने लाला जी की,
बस फ्री का मुर्गा और दारू, और फ़िर करवा लो जो भी करवाना है.
जय जय भड़ास
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