अभी मैं मुंबई में था, छुट्टी मिली तो घर चला, चलते वखत दिल में हसरत की सुन रखा है नीतिश सरकार विकास की बात करती है औरर विकास कार्य में लगी हुई है सो जिज्ञासा इस विकास को देखने की। जो विकास मैने देखा आपसे साझा करता हूँ कुछ तसवीरों के बहाने....................................................
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बिहार का सबसे बड़ा शहर मुजफ्फरपुर और वहां की सड़क
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इसी बस में मैं था और मुजफ्फरपुर में जाम में पाँच घंटे बिताये
सड़क तो जाम सड़क के नीचे कीचड़ का जाम मैं किधर से जाऊं
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सत्ताधारी पार्टी के पार्षद के निवास का जलमग्न मार्ग, पार्षद तो अपनी सवारी से चले जायेंगे आम जन का क्या ? दरभंगा.......
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सत्ताधारी पार्टी के पार्षद का निवास जलमग्न, दरभंगा....................
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दरभंगा बिहार का एक और बड़ा शहर, और ये दरभंगा का बस स्टैंड, अगर आको यहाँ आना है तो सोचिये की कैसे आयेंगे और अगर बाहर से आप यहाँ आए तो अपने घर को कैसे जायेंगे।
ये है विकाश पुरुष कि कुछ झलकियां, पत्रकारों के सहारे शानदार विकास किया है नितिश सरकार ने, इसकी जीवन्त झलकियों का भी इन्तेजार करें।
धन्यवाद
4 comments:
अजी यह तो भारत के किसी भी शहर की हालत हो सकती हे, क्या आप लालु से ही खुश थे, तो अगली बार मोका मत चुके
आप मुझे वेक बात बताइए कभी आपको किसी ने मन्दिर में जाते समय पूछा हुई की आपकी जाती क्या है?ये सब नेताओ का किया धरा है......कोई नही पूछता.....अजमेर की दरगाह में भी मुझसे किसी ने ने नही पूछा की आप कौन है...ये सब राजनीती है समझिए......
apne k rajneeti se upar uth kar sochna hoga.......
मित्र,
मैने अपनी बात नही की क्या करूं गलती से पंडित के घर पैदा हो गया, मेरा प्रश्न उनलोगों के लिए था जो परिवर्तित हो रहे हैं, दबे कुचले निचले तबके के वोह लोग जिनका सामाजिक मान मर्यादा के नाम पर सिर्फ़ उनका दोहन किया, मैं पंडित हूँ और मैने देखा है सामाजिक कुरीतियाँ और मनुवादी संस्कृति को.
आप समरसता करें लंगर की तरह एक पंक्ति में बैठने की हिम्मत दिखाएँ, तो निश्चित ही हमारे इन हिन्दुओं का मन परिवर्तन को नही करेगा
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