लो क सं घ र्ष !: महानायक का पेट कब भरेगा

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फ़िल्म जगत के महानायक अमिताभ बच्चन का नाम देश के महानायकों में से आता है और दुनिया में लाखों लोग उनके प्रशंसक है किंतु इस महानायक का नाम हमेशा आर्थिक घोटालो में भी आता रहता है । नई पीढी इस तरह के दो अर्थी चरित्र से क्या प्रेरणा ले और क्या विश्वाश करे मुख्य बात यह है कि महानायक के परम मित्र अमर सिंह के साथ उनके ख़िलाफ़ जनपद कानपुर के बाबूपुरवा थाने में अपराध संख्या 458/09 अर्न्तगत धारा 420, 467 , 468, 471, 120 बी, आई पी सी, 3/7 मनीलॉण्ड़िरिंग एक्ट व 7/8/9/10/13 भ्रष्टाचार निरोधक कानून कि प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज हुई है । इस मामले में लगभग 300 करोड़ रुपये का घोटाला है । इसके पूर्व भी महानायक अमिताभ बच्चन ने बाराबंकी जनपद के दौलतपुर गाँव में अपने नाम रिकॉर्ड रूम के कर्मचारियों से मिलकर अपने नाम ग्राम समाज कि जमीन फर्जी तरीके से अंकित करा ली थी । महानायक को इस भूमि घोटाले में भी काफ़ी विवाद का सामना करना पड़ा था। यदि वह महानायक न होते साधारण व्यक्ति होते तो कई महीने उनको कई महीने कारागार में रहकर जमानत का इन्तजार करना पड़ता ।

इस तरह कि घटनाएँ देख कर लगता है कि महानायक जैसे लोग शुद्ध रूप से आर्थिक अपराधी है। आर्थिक अपराधियों को सजा देने के लिए सक्षम कानूनों का आभाव है जिसका लाभ उठा कर आर्थिक अपराधी तरह-तरह के अपराध कर देश कि अर्थ व्यवस्था को खोखला करते है । दुखद बात यह है कि इस देश के नवनिर्माण के लिए जो लोग प्रेरणा श्रोत्र हो सकते है । उनकी व्यक्तिगत ज़िन्दगी में इस तरह का आचरण दुखदाई है । अमिताभ बच्चन हालावाद के पर्वतक डॉ॰ हरिवंश राय बच्चन के पुत्र भी है और जब ऐसे लोग इस तरह के कृत्य करते है, तो समाज पर और विशेष कर नई पीढी पर इसका अच्छा प्रभाव नही पड़ता है । गंभीरता से सोचने पर यह सवाल आता है कि इस महानायक का पेट कब भरेगा ?

सुमन
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