हृदेश भाई और भाई रजनीश जी हम सब भड़ासी दिल से एकदूसरे से इतने ही करीब हैं|भड़ास एक वेबपेज नहीं जिंदगी जीने का अंदाज बनता जा रहा है, डा.रूपेश के शब्दों में भड़ास का अपना एक निजी दर्शन है। उन्होंने एक संचालन समिति बनाने के आपके सुझाव का ज़िक्र करा था,अच्छा सुझाव है। जय जय भड़ास
मेरी भडास के सभी सदस्यों से एक गुजारिश है ..आपने जिस महिला की तस्वीर अपने ब्लॉग में (मुनव्वर सुल्ताना) लगा रखी है कृपया उस से पूछें की मेरी नज़्म को अपने नाम से अपने ब्लॉग में डालने का हक उसे किसने दिया......क्या इस घृणित कार्य में आप उसके साथ हैं...??? अगर नहीं तो मुझे न्याय दिलाएं ....!!
हृदेश भाई और भाई रजनीश जी हम सब भड़ासी दिल से एकदूसरे से इतने ही करीब हैं|भड़ास एक वेबपेज नहीं जिंदगी जीने का अंदाज बनता जा रहा है, डा.रूपेश के शब्दों में भड़ास का अपना एक निजी दर्शन है। उन्होंने एक संचालन समिति बनाने के आपके सुझाव का ज़िक्र करा था,अच्छा सुझाव है।
ReplyDeleteजय जय भड़ास
मेरी भडास के सभी सदस्यों से एक गुजारिश है ..आपने जिस महिला की तस्वीर अपने ब्लॉग में (मुनव्वर सुल्ताना) लगा रखी है कृपया उस से पूछें की मेरी नज़्म को अपने नाम से अपने ब्लॉग में डालने का हक उसे किसने दिया......क्या इस घृणित कार्य में आप उसके साथ हैं...???
ReplyDeleteअगर नहीं तो मुझे न्याय दिलाएं ....!!
रजनीश भाई और हृदेश भाई इस प्रेम भरे आलिंगन में हम सब को भी जुड़ा समझिये। हृदेश भाई तो देखने में बिल्कुल मेरे छोटे भाई जैसे लग रहे हैं
ReplyDeleteजय जय भड़ास
भाई वाशी रेल्वे स्टेशन याद आ गया...
ReplyDeleteइसी तरह एक दूसरे को सीने से लगाए सुख-दुःख बांटते चलें यही जिंदगी है मेरी नजरों में।
जय जय भड़ास
rajnish jee mera bhi ek dost bachpan se bichhada hua hai ...khoj raha hoon ..har nahi manuga ...
ReplyDeleteभाई मनु,
ReplyDeleteमैं हिन्दी भवन में गया था हिंद युग्म के वार्सिकोत्सव में.
बहर्हा मेरा नंबर ९८९९७३०३०४ है.
धन्यवाद