ये है यंगिस्तान मेरी जान !

आगामी खेले जाने वाले दोनों टेस्ट मैच से होने वाली कमाई का सारा रूपया देश हित में बलिदान देने वाले शहीदों के परिवार को दे दूंगा- भारतीय कप्तान धोनी। अगर मुझे या मेरे बच्चों को आतंकवादी बंधक बना लें तो मुझे मत छुडैएगा, बल्कि आतंकियों को गोली मार देना - आमिर खान । इस तरह के कई बयानात समाचारों में जगह पा रहे हैं। धोनी तो बिना सुरक्षा बेडे के ही बिरसा मुंडा एअरपोर्ट पर घूम आया। ये कोई दिखावा नही है और न ही किसी फ़िल्म या विज्ञापन की शूटिंग में बोला जाने वाला डियलोग। ये जीवित जज्बा है , उन सेलिब्रिटिस का जिन्हें देश से प्यार है। जो डरपोक नेताओ की तरह भासंदबाजी भर नहीं है, बल्कि बिना कुछ कहे करके दिखाने का जूनून है। ये आइडियल हैं उस यंगिस्तान के जिनकी संख्या साठ करोड़ के ऊपर है। क्या सचिन, क्या युवराज और क्या इरफान पठान सबने एक सुर में आतंकवादी हमलों की भर्त्सना की है। ये वक्त सोचने का नहीं है , कुछ कर गुजरने का है । लेकिन हाय रे देश की किस्मत! कुछ करना तो दूर ढंग से बोलना भी नहीं आता, इन तोंदू नेताओं को। देश की नादान जनता की गाढी कमाई को बिना डकारे लील जाने वाले ये सफेदपोश बेनकाब हो चुके हैं। जब देश को जज्बे की जरुरत है तो ये वोट को जलेबी समझ कर जीभ लपलपा रहे हैं। मगर जनता तैयार अंगीठी की आग से इनके जीभ का स्वाद कसैला करने के लिए। ये यंगिस्तान है मेरी जान , कम सोचना ज्यादा करना इनकी फितरत ।

2 comments:

  1. जियो राजा जियो और ऐसे ही इन हरामहड्ड राजनेताओं को शब्दों के डंडे करे रहो,क्या अद्भुत लिखा है
    "जब देश को जज्बे की जरुरत है तो ये वोट को जलेबी समझ कर जीभ लपलपा रहे हैं। मगर जनता तैयार अंगीठी की आग से इनके जीभ का स्वाद कसैला करने के लिए"
    दिल खुश हो गया भाई
    जय जय भड़ास

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