धार्मिक ठेकेदारों की एक और दास्ताँ.

कल दिल्ली से प्रकाशित टाइम्स ऑफ़ इंडिया पढ़ रहा था, लीड में हीं धर्म के नाम पर मानवता को कलंकित करने की रपट पढ़ी और पढ़ते पढ़ते जेहन में बस एक ही खयालात की अभी कुछ दिनों से भड़ास पर संडास करते ऐसे ही लोग है जिस से मानवता तार तार हो रही है।

ख़बर के मुताबिक,


धर्म परिवर्तित लोगों के साथ जबरिया कर के उन्हें वापस हिंदू धर्म में आने को कहा गया और एसा ना करने पर मार डालने की धमकी भी। कंधमाल में घटित इस घटना पर नजर डालें तो आतंकी हिन्दुओं का समूह नौगाम नमक गाव में आ कर लोगों को जबरिया ईसाई से हिंदू धर्म परिवर्तन के लिए धमकाते हैं और एसा ना करने पर जान से मारने की धमकी, गरचे बहुत से लोग यहाँ से विस्थापित हो चुके हैं ।


महीने भर पुरानी घटना है प्रिगदा में ४०० लोगों के समूह ने लूटपाट , घर जलना और आतंक का जोर मचाया था। आतंकियों ने ग्रामीणों को जबरिया गाय का गोबर और मूत्र पीने पर मजबूर किया और घसीटते हुए बगल के मन्दिर में ले गए जहाँ धमकाते हुए बालों का मुंडन कर हिंदू बनाने के कार्य को अंजाम दिया। धमकी ऐसी की हिंदू बनो या मरने के लिए तैयार हो जाओ।

जबकि धर्म का उन्माद फैलाने वाला कोई भी संगठन इसकी जिम्मेदारी लेने को तैयार नही हुआ।

इनके वापस पुनर्वास पर प्रशाशन की चुप्पी भी रहस्यमयी है।


दिल्ली मानवता, जिम्मेदार कौनउपद्रवी या पुरा हिंदू समाज ?

साभार:- टाइम्स ऑफ़ इंडिया, दिल्ली संस्करण

No comments:

Post a Comment