मैं बेवकूफों से बात नही करता : एडमिरल सुरेश मेहता


पहला )

प्रेशर की पत्रकारिता में पिसते हुए पत्रकार जब जल सेना प्रमुख से उनकी राय जाने के लिए उनसे चंद सवालात किया तो एडमिरल सुरेश मेहता ने छूटते ही कहा कि मैं बेवकूफों से बात नही करता।

हालांकी ये बात मीडिया को पसंद नही आयी और निसंदेह मंत्रालय को भी, तभी तो मंत्रालय ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया। मंत्रालय का ये बयान दर्शाता है कि चोर चोर मौसेरे भाई हैं, यानी कि मीडिया और मंत्री। मंत्रालय नेवी प्रमुख को बयानबाजी के बारे में सलाह भी देता है तो भैये नेवी प्रमुख को कोई शौक नही है प्रेस के सामने जाने का और ना ही बयान देने का, जल सेना प्रमुख अखबारों में अपनी तस्वीर भी नही देखना चाहते हैं मगर एडमिरल मेहता क्या करें जब कुत्ते कि तरह पत्रकारों कि फौज पीछे से भोंकता रहे, हाँ मंत्रालय का ये बयान उन नेताओं के लिए सही हो सकता है जिसका मीडिया के साथ चोली दामन का साथ है।

एडमिरल मेहता का मीडिया के बारे में मुंबई आतंकी हमले के बारे में ये भी कहना सोचनीय है कि मीडिया का मुंबई काण्ड या ऐसी किसी भी काण्ड के समय होने वाला कवरेज़ होने वाले जांच को ही प्रभावित करता है।
दुसरा)

मुम्बई आतंकी हमले में मीडिया की संदेहास्पद भूमिका अब जांच के घेरे में आ गयी है, यी बात मंत्रालय और सेना कई बार कह चुके हैं और अब इन पर सिकंजा कसने की तैयारी हो रही है। सुचना और प्रसारण मंत्रालय घटनाक्रम का सीधा प्रसारण और बार बार भयावहता को दिखाने के कारण तमाम टी वी चैनल वालों को कारण बताओ नोटिस जारी करने वाली है। और अगर मंत्रालय इनके उत्तर से संतुष्ट नही होती है तो इन चैनलों के लाइसेंस भी रद्द किए जा सकते हैं।

इस विषय पर टी वी पत्रकारिता के धुरंधर और चैनलों के प्रमुख राजदीप सरदेसाई, रजत शर्मा, उदय शंकर ने किसी भी प्रकार कि टिपण्णी इंकार किया है

ये ख़बर दिल्ली से प्रकाशित दी हिंदुस्तान टाइम्स से लिया गया है।

भडासी नजरिया :

जल सेना के प्रमुख भी दूध के धुले हुए नहीं हें, बोफोर्स से लेकर कोफीन काण्ड तक, सेना में यदा कदा घोटाले से लेकर भ्रष्टाचार तक, सेना के छावनियों में होने वाले बलात्कार तक सेना की कहानी खुद ही बयान करती है, निश्चय ही समय है सेना को आत्म मंथन करने का।

जहाँ तक प्रश्न है इन धुरंधर पत्रकारों का तो कोई शको शुभा नहीं की ये पत्रकार पत्रकारिता के विभीषण हैं और बाजारवाद की होड़ में पत्रकारिता को बेच कर आम जन के मनोभाव के साथ खिलवाड़ करते हैं और भारतीयता का नुक्सान भी।

2 comments:

मनोज द्विवेदी said...

is bewkoof mehta ka phota kyon de diya sir ji... farzee mein iska vigyapan ho gaya. bhdasi vichar uttam hai.

डा.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) said...

रजनीश भाई जम कर पेले पड़े हो।
जय जय भड़ास

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