पिछले साल अमेरिका के एक हवाई अड्डे पर कथित तौर पर नस्लीय वर्गीकरण के शिकार हुए बॉलीवुड के किंग खान ने कहा कि ऐसी घटनाएं अमेरिका की छवि को वैश्विक स्तर पर खराब करती हैं।
एक इंटरव्यू में शाहरुख खान ने कहा कि हां, नस्लवाद की ऐसी घटनाएं भारत में अमेरिका की छवि को प्रभावित करती हैं। न केवल वह बल्कि उनके बच्चें भी अमेरिका के हवाई अड्डों पर विशेष स्क्रीनिंग के शिकार बने।
नेवार्क हवाई अड्डे पर पिछले साल हुई घटना के अनुभव को याद करते हुए शाहरुख ने कहा कि आमतौर पर मैं अतिरिक्त सुरक्षा जांच का आदी रहा हूं, शायद ऐसा नाम के कारण या फिर जांच करने के तरीके की वजह से हो। यहां तक कि मेरे बच्चें भी इसके अभ्यस्त हैं। यह कोई नई बात नही है।
सीएनएन पर फरीद जकारिया के साथ बातचीत में उन्होंने कहा कि भारत में ऐसी फिल्में बनाने की जरूरत हैं, जो वैश्विक दर्शकों को प्रभावित कर सके। उन्हें उम्मीद है कि कुछ समय बाद यह स्तर पा लिया जाएगा।
खान ने कहा कि हमें ऐसी फिल्में बनाने की जरूरत है जो दुनिया पर अपनी छाप छोड़ सके। मैं उम्मीद करता हूं कि अगले पांच से छह सालों में यह आसानी से हो पाएगा।
एक इंटरव्यू में शाहरुख खान ने कहा कि हां, नस्लवाद की ऐसी घटनाएं भारत में अमेरिका की छवि को प्रभावित करती हैं। न केवल वह बल्कि उनके बच्चें भी अमेरिका के हवाई अड्डों पर विशेष स्क्रीनिंग के शिकार बने।
नेवार्क हवाई अड्डे पर पिछले साल हुई घटना के अनुभव को याद करते हुए शाहरुख ने कहा कि आमतौर पर मैं अतिरिक्त सुरक्षा जांच का आदी रहा हूं, शायद ऐसा नाम के कारण या फिर जांच करने के तरीके की वजह से हो। यहां तक कि मेरे बच्चें भी इसके अभ्यस्त हैं। यह कोई नई बात नही है।
सीएनएन पर फरीद जकारिया के साथ बातचीत में उन्होंने कहा कि भारत में ऐसी फिल्में बनाने की जरूरत हैं, जो वैश्विक दर्शकों को प्रभावित कर सके। उन्हें उम्मीद है कि कुछ समय बाद यह स्तर पा लिया जाएगा।
खान ने कहा कि हमें ऐसी फिल्में बनाने की जरूरत है जो दुनिया पर अपनी छाप छोड़ सके। मैं उम्मीद करता हूं कि अगले पांच से छह सालों में यह आसानी से हो पाएगा।
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