दोहे और उक्तियाँ !!


ईश्वर

वह दयामय है।
 वह जीवों के कर्मों का फल देने वाला है।

वह जीवों की प्यास को शीतल जल और रसान्वित फलों से बुझाता है।

परमात्मा की शक्ति से तुम देखते, सुनते, चलते और काम करते हो।

जो कुछ तुम देखते और सुनते हो, वह ईश्वर है।

ईश्वर तुम्हारे हाथों द्वारा काम करता है और मुख द्वारा भोजन करता है।

केवल अज्ञान और अहंकार के कारण तुम उसे भूल गये हो।

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