Hanging Trains - Germany



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दोहे और उक्तियाँ !!


ईश्वर

उसकी सत्ता भूत, वर्तमान और भविष्य में निरन्तर रहती है।

जगत् की परिवर्तनशील घटनाओं के मध्य वही एक अपरिवर्तनशील और निर्विकार है।

संसार की सभी नश्वर वस्तुओं के मध्य वही अविनश्वर है।

यह विश्व दीर्घकालीन  स्वप्न के समान है।

 यह माया की बाजीगरी है।

वह मायापति है। वह स्वतन्त्र है।

~~~~~

दोहे और उक्तियाँ !!


ईश्वर

उसकी सत्ता भूत, वर्तमान और भविष्य में निरन्तर रहती है।

जगत् की परिवर्तनशील घटनाओं के मध्य वही एक अपरिवर्तनशील और निर्विकार है।

संसार की सभी नश्वर वस्तुओं के मध्य वही अविनश्वर है।

यह विश्व दीर्घकालीन  स्वप्न के समान है।

 यह माया की बाजीगरी है।

वह मायापति है। वह स्वतन्त्र है।

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भारतीय हाकी टीम ने दिया होली का तोहफा !!

अपेक्षाओं का भारी दबाव लिए खेल रही भारतीय हाकी टीम ने संदीप सिंह के दो गोल की मदद से बारहवें विश्व कप के अपने पहले और सबसे अहम मुकाबले में रविवार को चिर-प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान पर 4-1 से एकतरफा जीत दर्ज करके अपने जबर्दस्त फार्म की बानगी पेश करते हुए खुद को सेमीफाइनल में प्रवेश के प्रबल दावेदारों में शामिल कर लिया।
राजपाल सिंह की अगुवाई वाली भारतीय टीम ने जोश, जुनून और तकनीकी कौशल की उम्दा बानगी पेश करते हुए पाकिस्तान को खेल के हर विभाग में उन्नीस साबित कर दिया। मैदान में चारों ओर से आ रही चक दे इंडिया की गूंज के बीच भारत के लिए शिवेंद्र सिंह (26वां मिनट) और संदीप सिंह (35वां और 56वां मिनट) और प्रभजोत सिंह (37वां मिनट) ने गोल दागे।
हाकी प्रेमियों को एशियाई दिग्गजों की इस टक्कर के बेहद रोमांचक रहने की उम्मीद थी लेकिन जीशान अशरफ की अगुवाई वाली पाकिस्तानी टीम शुरू ही से दबाव में दिखी। उसके ट्रंपकार्ड माने जा रहे उसके सबसे अनुभवी खिलाड़ी और विश्व रिकार्डधारी ड्रैग फ्लिकर सोहेल अब्बास और स्टार स्ट्राइकर रेहान बट भी फार्म में नहीं थे। दूसरी ओर भारतीय खिलाड़ी पूरे मैदान पर छाए रहे।
पहले ही मिनट से भारतीय टीम ने मैच पर शिकंजा कस लिया। भारतीय फारवर्ड लाइन ने पाकिस्तानी गोल पर जमकर हमले बोले जबकि डिफेंडरों ने पाकिस्तान के स्ट्राइकरों को रोके रखा। भारतीय टीम ने गेंद पर नियंत्रण और मैन टू मैन मार्किंग में भी पाकिस्तान को बौना साबित कर दिया। भारतीयों के हर मूव पर मैदान पर मौजूद करीब 15000 दर्शकों ने जमकर तालियां बजाई।
शुरूआती मिनटों में दोनों टीमें एक दूसरे का आकलन करने में लगी रही। भारत को 17वें मिनट में पहला पेनाल्टी कार्नर मिला जिस पर दिवाकर राम गोल नहीं कर सके। मेजबान को 26वें मिनट में दूसरा पेनाल्टी कार्नर मिला लेकिन संदीप सिंह इसे तब्दील नहीं कर सके। अनुभवी फारवर्ड शिवेंद्र सिंह ने रिबाउंड शाट पर गेंद गोल के भीतर डालकर भारत को बढ़त दिला दी।
इसके चार मिनट बाद पाकिस्तान को पहला पेनाल्टी कार्नर मिला लेकिन अब्बास का शाट गोलपोस्ट के ऊपर से टकराकर निकल गया। इससे मैदान में अच्छी खासी तादाद में जमा पाकिस्तानी समर्थकों को मानों सांप सूंघ गया। पहले हाफ के आखिरी मिनट में संदीप ने ड्रैग फ्लिक पर गोल करके भारत को 2-0 की बढ़त दिला दी।
दूसरे हाफ में भी भारतीय खिलाड़ी शुरू ही से हावी रहे और 37वें मिनट में प्रभजोत सिंह ने एक और गोल करके मैदान में बैठे दर्शकों को लगभग आंदोलित कर दिया। गोल करने के बाद खुशी में झूमते प्रभजोत टीम डगआउट के पास खड़े मुख्य कोच जोस ब्रासा के गले जा लगे।
पाकिस्तान और सोहेल का आज तकदीर ने भी साथ नहीं दिया और 48वें मिनट में मिले पेनाल्टी कार्नर पर उनका शाट एकबार फिर गोलपोस्ट से टकराकर निकल गया। पाकिस्तान को इस बीच दो पेनाल्टी कार्नर और मिले लेकिन दोनों बेकार गए। वहीं बकौल ब्रासा भारतीय टीम के ब्रहमास्त्र संदीप ने 56वें मिनट में पेनाल्टी कार्नर पर दूसरा गोल करके भारत की बढ़त 4-0 की कर दी। अब मेजबान की जीत दीवार पर लिखी इबारत की तरह साफ थी।
दो मिनट बाद सोहेल ने आखिरकार पाकिस्तान को मिले छठे पेनाल्टी कार्नर को गोल में बदलकर भारत की बढत कुछ कम की लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। खेल के आखिरी दस मिनट बाकी थे और भारतीय डिफेंस चट्टान की तरह अडिग लग रहा था। वहीं भारतीय गोलकीपर पी श्रीजेश ने भी बेहद मुस्तैदी दिखाई।

भारतीय हाकी टीम ने दिया होली का तोहफा !!

अपेक्षाओं का भारी दबाव लिए खेल रही भारतीय हाकी टीम ने संदीप सिंह के दो गोल की मदद से बारहवें विश्व कप के अपने पहले और सबसे अहम मुकाबले में रविवार को चिर-प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान पर 4-1 से एकतरफा जीत दर्ज करके अपने जबर्दस्त फार्म की बानगी पेश करते हुए खुद को सेमीफाइनल में प्रवेश के प्रबल दावेदारों में शामिल कर लिया।
राजपाल सिंह की अगुवाई वाली भारतीय टीम ने जोश, जुनून और तकनीकी कौशल की उम्दा बानगी पेश करते हुए पाकिस्तान को खेल के हर विभाग में उन्नीस साबित कर दिया। मैदान में चारों ओर से आ रही चक दे इंडिया की गूंज के बीच भारत के लिए शिवेंद्र सिंह (26वां मिनट) और संदीप सिंह (35वां और 56वां मिनट) और प्रभजोत सिंह (37वां मिनट) ने गोल दागे।
हाकी प्रेमियों को एशियाई दिग्गजों की इस टक्कर के बेहद रोमांचक रहने की उम्मीद थी लेकिन जीशान अशरफ की अगुवाई वाली पाकिस्तानी टीम शुरू ही से दबाव में दिखी। उसके ट्रंपकार्ड माने जा रहे उसके सबसे अनुभवी खिलाड़ी और विश्व रिकार्डधारी ड्रैग फ्लिकर सोहेल अब्बास और स्टार स्ट्राइकर रेहान बट भी फार्म में नहीं थे। दूसरी ओर भारतीय खिलाड़ी पूरे मैदान पर छाए रहे।
पहले ही मिनट से भारतीय टीम ने मैच पर शिकंजा कस लिया। भारतीय फारवर्ड लाइन ने पाकिस्तानी गोल पर जमकर हमले बोले जबकि डिफेंडरों ने पाकिस्तान के स्ट्राइकरों को रोके रखा। भारतीय टीम ने गेंद पर नियंत्रण और मैन टू मैन मार्किंग में भी पाकिस्तान को बौना साबित कर दिया। भारतीयों के हर मूव पर मैदान पर मौजूद करीब 15000 दर्शकों ने जमकर तालियां बजाई।
शुरूआती मिनटों में दोनों टीमें एक दूसरे का आकलन करने में लगी रही। भारत को 17वें मिनट में पहला पेनाल्टी कार्नर मिला जिस पर दिवाकर राम गोल नहीं कर सके। मेजबान को 26वें मिनट में दूसरा पेनाल्टी कार्नर मिला लेकिन संदीप सिंह इसे तब्दील नहीं कर सके। अनुभवी फारवर्ड शिवेंद्र सिंह ने रिबाउंड शाट पर गेंद गोल के भीतर डालकर भारत को बढ़त दिला दी।
इसके चार मिनट बाद पाकिस्तान को पहला पेनाल्टी कार्नर मिला लेकिन अब्बास का शाट गोलपोस्ट के ऊपर से टकराकर निकल गया। इससे मैदान में अच्छी खासी तादाद में जमा पाकिस्तानी समर्थकों को मानों सांप सूंघ गया। पहले हाफ के आखिरी मिनट में संदीप ने ड्रैग फ्लिक पर गोल करके भारत को 2-0 की बढ़त दिला दी।
दूसरे हाफ में भी भारतीय खिलाड़ी शुरू ही से हावी रहे और 37वें मिनट में प्रभजोत सिंह ने एक और गोल करके मैदान में बैठे दर्शकों को लगभग आंदोलित कर दिया। गोल करने के बाद खुशी में झूमते प्रभजोत टीम डगआउट के पास खड़े मुख्य कोच जोस ब्रासा के गले जा लगे।
पाकिस्तान और सोहेल का आज तकदीर ने भी साथ नहीं दिया और 48वें मिनट में मिले पेनाल्टी कार्नर पर उनका शाट एकबार फिर गोलपोस्ट से टकराकर निकल गया। पाकिस्तान को इस बीच दो पेनाल्टी कार्नर और मिले लेकिन दोनों बेकार गए। वहीं बकौल ब्रासा भारतीय टीम के ब्रहमास्त्र संदीप ने 56वें मिनट में पेनाल्टी कार्नर पर दूसरा गोल करके भारत की बढ़त 4-0 की कर दी। अब मेजबान की जीत दीवार पर लिखी इबारत की तरह साफ थी।
दो मिनट बाद सोहेल ने आखिरकार पाकिस्तान को मिले छठे पेनाल्टी कार्नर को गोल में बदलकर भारत की बढत कुछ कम की लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। खेल के आखिरी दस मिनट बाकी थे और भारतीय डिफेंस चट्टान की तरह अडिग लग रहा था। वहीं भारतीय गोलकीपर पी श्रीजेश ने भी बेहद मुस्तैदी दिखाई।

दोहे और उक्तियाँ !!



ईश्वर सच्चिदानन्द (अस्तित्वपूर्ण, ज्ञानमय और केवलानन्द) है। 

ईश्वर सत्य है। ईश्वर प्रेम है। परमात्मा प्रकाशों का प्रकाश है। 

ईश्वर सर्वव्यापी बुद्धि और चैतन्य है। ईश्वर ही वह सर्वव्यापी शक्ति है, 

जो इस ब्रह्माण्ड का संचालन करती है और इसको सुव्यवस्थित भी रखती है। 

वह(परमेश्वर) इस शरीर और मन का आन्तरिक शासक(अन्तर्यामी) है। 

वह सर्वशक्तिमान, सर्वज्ञ और सर्वव्यापी है। वह सूत्रधार अर्थात 

तुम्हारे जीवन की डोरी को धारण करने वाला है। उसके छः गुण 

ज्ञान, वैराग्य, सौन्दर्य(माधुर्य), ऐश्वर्य, श्री और कीर्ति हैं। 

अतः वह भगवान कहलाता है।

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दोहे और उक्तियाँ !!



ईश्वर सच्चिदानन्द (अस्तित्वपूर्ण, ज्ञानमय और केवलानन्द) है। 

ईश्वर सत्य है। ईश्वर प्रेम है। परमात्मा प्रकाशों का प्रकाश है। 

ईश्वर सर्वव्यापी बुद्धि और चैतन्य है। ईश्वर ही वह सर्वव्यापी शक्ति है, 

जो इस ब्रह्माण्ड का संचालन करती है और इसको सुव्यवस्थित भी रखती है। 

वह(परमेश्वर) इस शरीर और मन का आन्तरिक शासक(अन्तर्यामी) है। 

वह सर्वशक्तिमान, सर्वज्ञ और सर्वव्यापी है। वह सूत्रधार अर्थात 

तुम्हारे जीवन की डोरी को धारण करने वाला है। उसके छः गुण 

ज्ञान, वैराग्य, सौन्दर्य(माधुर्य), ऐश्वर्य, श्री और कीर्ति हैं। 

अतः वह भगवान कहलाता है।

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संगणक बनेगा हमारी एकात्मिक सांस्कृतिक धरोहर को खतरा !!

आधुनिक जगतमें संगणकोंने एक अभूतपूर्व क्रांति पैदा की है। ज्ञान, वैज्ञानिकता और प्रगती के हर शिखर के लिय़े प्रयुक्त हर सीढीमें संगणक-तंत्र अत्यावश्यक है। भाषाई विकास भी इसके बिना असंभव है यह बोध तो कई चिन्तकोंमें आ गया है परन्तु संगणक-लेखन में प्रमाणीकरण एवं समन्वय दोनोंके अभावमें भारतीय भाषाओंकी समग्र एकात्मताके और सांस्कृतिक एकतापर जो बडा संकट मंडरा रहा है उसकी ओर अभीतक किसीने ध्यान नही दिया है।
इसे हम यों समझ सकते हैं कि विश्वमें भाषाएँ और लिपियाँ कई हैं लेकिन वर्णमालाएँ केवल चार है --- 

(1)      ब्राह्मी जिससे देवनागरी (संस्कृत), अन्य सारी भारतीय लिपियाँ, साथही सिंहली, थाई, तिब्बती, इंडोनेशियन और मलेशियन लिपियाँ बनीं।
(2)      चीनी जिससे चीनी, जपानी एवं कोरियाई लिपियाँ बनीं।
(3)      फारसी जिससे फारसी, अरेबिक एवं ऊर्दू लिपियाँ बनीं।
(4)      ग्रीक, लैटिन रोमन व सिरिलीक जिनमें आपसमें थोडासा अन्तर है और जिनसे  तमाम पश्चिमी एवं पूर्वी युरोपीय लिपियाँ बनीं।

प्रत्येक वर्णमालामें अक्षरोंका वर्णक्रम सुनिश्चित है। भारतकी सभी भाषाओंका वर्णक्रम एक ही है औऱ उसका ढाँचा ध्वन्यात्मक है। संगणकीय लिपी-प्रमाणक बनाते समय यदि इस विशेषताको टिकाये रखकर तथा उसका लाभ उठाते हुए हमने प्रमाणक बनाये तो हमारी सांस्कृतिक एकात्मताकी अंतर्निहित शक्ति एवं वैज्ञानिकताके कारण हम लम्बी छलाँग लगा सकते हैं अन्यथा इसको नजरअंदाज कर हम अपनी एकात्मिक सांस्कृतिक धरोहरको एक झटकेसे गँवा भी सकते हैं। आज हम दूसरे खतरेके बगलमें खडे हैं जिसके प्रति हमें शीघ्रतासे चेतना होगा।

 लीना महेंडाले

लो क सं घ र्ष !: बुरा मनो या भला क्या कर लोगे होली है : खूने जिगर भी बहाओ तो जानूँ

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रंगो की होली तो सब खेलते हैं।
खून जिगर भी बहाओं तो जानूँ।।
प्रेम के रंग में मन भी रंग जाए बन्धू।
कोई ऐसी होली मनाओं तो जानूँ।।
दो बदन मिलना केाई जरूरी नहीं।
दिल से दिल को मिलाओं तो जानूँ।।
ठुमरी वो फगुआ तो गाते सभी हैं।
प्रेम का गीत कोई सुनाओ तो जानूँ।।
मुहब्बत बढ़े और मिट जाए नफरत।
कोई रीति ऐसी चला तो जानूँ।।
रूला देना हँसते को है रस्में दुनिया।
रोते हुए की हँसाओ तो जानूँ।।
है आसान गुलशन को वीरान करना।
उजड़े चमन को बसाओ तो जानूँ
अपना चमन प्यारे अपना चमन है।
दिलोजान इस पर लुटाओं तो जानूँ।।
मिट जाए जिससे दिलो का अँधेरा।
कोई शम्मा ऐसी जलाओं तो जानूँ।।
ऐशो इशरत में तो साथ देती है दुनिया।
मुसीबत में भी काम आओ तो जानूँ।।
मुस्कराना तो आता है सबको खुशी में।
अश्कें गम पीके भी मुस्कराओ तो जानूँ।।
अपनों वो गैरों की खुशियों के खातिर।?
जमील अपनी हस्ती मिटाओं तो जानूँ

-मोहम्मद जमील शास्त्री

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। सभी चिट्ठाकार बंधुओं को परिवार सहित होली की हार्दिक शुभकामनाएं ।

सुमन
loksangharsha.blogspot.com

लो क सं घ र्ष !: बुरा मनो या भला क्या कर लोगे होली है : खूने जिगर भी बहाओ तो जानूँ

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रंगो की होली तो सब खेलते हैं।
खून जिगर भी बहाओं तो जानूँ।।
प्रेम के रंग में मन भी रंग जाए बन्धू।
कोई ऐसी होली मनाओं तो जानूँ।।
दो बदन मिलना केाई जरूरी नहीं।
दिल से दिल को मिलाओं तो जानूँ।।
ठुमरी वो फगुआ तो गाते सभी हैं।
प्रेम का गीत कोई सुनाओ तो जानूँ।।
मुहब्बत बढ़े और मिट जाए नफरत।
कोई रीति ऐसी चला तो जानूँ।।
रूला देना हँसते को है रस्में दुनिया।
रोते हुए की हँसाओ तो जानूँ।।
है आसान गुलशन को वीरान करना।
उजड़े चमन को बसाओ तो जानूँ
अपना चमन प्यारे अपना चमन है।
दिलोजान इस पर लुटाओं तो जानूँ।।
मिट जाए जिससे दिलो का अँधेरा।
कोई शम्मा ऐसी जलाओं तो जानूँ।।
ऐशो इशरत में तो साथ देती है दुनिया।
मुसीबत में भी काम आओ तो जानूँ।।
मुस्कराना तो आता है सबको खुशी में।
अश्कें गम पीके भी मुस्कराओ तो जानूँ।।
अपनों वो गैरों की खुशियों के खातिर।?
जमील अपनी हस्ती मिटाओं तो जानूँ

-मोहम्मद जमील शास्त्री

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। सभी चिट्ठाकार बंधुओं को परिवार सहित होली की हार्दिक शुभकामनाएं ।

सुमन
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दार्जीलिंग चाय के बाद अब दशहरी का पेटेंट !!

लखनऊ के मशहूर मलीहाबादी दशहरी आम को भौगोलिक संकेतक का विशेष कानूनी दर्जा प्राप्त हो गया है ।

इससे पहले दार्जीलिंग चाय को इस तरह का दर्जा मिला था ।

मलीहाबादी आम को यह विशेष दर्जा भारत सरकार के भौगोलिक संकेतक रजिस्ट्री कार्यालय चेन्नई ने एक विशेष क़ानून के तहत दिया गया है ।

एक अलग स्वाद और सुगंध के कारण दशहरी आम की विशेष पहचान है ।

केन्द्रीय बागवानी संस्थान लखनऊ में एक जलसा करके स्थानीय किसानों को इसके महत्व के बारे में जानकारी दी गई.

केन्द्रीय कृषि अनुसंधान परिषद् के उप महानिदेशक डॉक्टर एचपी सिंह ने बताया कि भारत में पहली बार किसी फल को भौगोलिक पहचान का क़ानूनी दर्जा दिया गया है ।

डॉक्टर सिंह के मुताबिक़ मलीहाबादी दशहरी का पेटेंट हो जाने से अब किसी और इलाके का आम इस नाम से नही बेचा जा सकेगा।

मलीहाबाद के किसान अपने आम को ऊँचे दाम पर देश विदेश में बेच सकेंगे ।

आम उत्पादक संघ के अध्यक्ष इन्श्राम अली ने दशहरी आम को यह विशेष कानूनी पहचान मिलने पर ख़ुशी जाहिर की है ।

एक ही पेड़ में आम की तीन सौ किस्में उगाने वाले बागबान कलीम उल्लाह ने कहा कि अब मलीहाबादी किसानों की आमदनी बढ़ेगी ।

सत्तासी वर्षीय किसान कामिल ख़ान ने वैज्ञानिकों का आह्वान किया कि दशहरी आम की क़िस्म सुधारने में वह किसानो की मदद करें जिससे यह ज़्यादा दिन तक टिक सके ।

दार्जीलिंग चाय के बाद अब दशहरी का पेटेंट !!

लखनऊ के मशहूर मलीहाबादी दशहरी आम को भौगोलिक संकेतक का विशेष कानूनी दर्जा प्राप्त हो गया है ।

इससे पहले दार्जीलिंग चाय को इस तरह का दर्जा मिला था ।

मलीहाबादी आम को यह विशेष दर्जा भारत सरकार के भौगोलिक संकेतक रजिस्ट्री कार्यालय चेन्नई ने एक विशेष क़ानून के तहत दिया गया है ।

एक अलग स्वाद और सुगंध के कारण दशहरी आम की विशेष पहचान है ।

केन्द्रीय बागवानी संस्थान लखनऊ में एक जलसा करके स्थानीय किसानों को इसके महत्व के बारे में जानकारी दी गई.

केन्द्रीय कृषि अनुसंधान परिषद् के उप महानिदेशक डॉक्टर एचपी सिंह ने बताया कि भारत में पहली बार किसी फल को भौगोलिक पहचान का क़ानूनी दर्जा दिया गया है ।

डॉक्टर सिंह के मुताबिक़ मलीहाबादी दशहरी का पेटेंट हो जाने से अब किसी और इलाके का आम इस नाम से नही बेचा जा सकेगा।

मलीहाबाद के किसान अपने आम को ऊँचे दाम पर देश विदेश में बेच सकेंगे ।

आम उत्पादक संघ के अध्यक्ष इन्श्राम अली ने दशहरी आम को यह विशेष कानूनी पहचान मिलने पर ख़ुशी जाहिर की है ।

एक ही पेड़ में आम की तीन सौ किस्में उगाने वाले बागबान कलीम उल्लाह ने कहा कि अब मलीहाबादी किसानों की आमदनी बढ़ेगी ।

सत्तासी वर्षीय किसान कामिल ख़ान ने वैज्ञानिकों का आह्वान किया कि दशहरी आम की क़िस्म सुधारने में वह किसानो की मदद करें जिससे यह ज़्यादा दिन तक टिक सके ।

पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोत्तरी , मनमोहन सरकार मुश्किल में !!

बजट में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोत्तरी के मुद्दे पर मनमोहन सरकार मुश्किलों में घिर गई है ।

इस मुद्दे पर विपक्ष के कटौती प्रस्ताव के जरिए सरकार के बहुमत को चुनौती देने की तैयारियों की है ।

दूसरी ओर केंद्र सरकार की सहयोगी ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस और करुणानिधि की डीएमके ने कांग्रेस से बढ़ोत्तरी वापस लेने की माँग की है ।

डीएमके प्रमुख और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम करुणानिधि ने यूपीए की प्रमुख सोनिया गांधी, प्रधानमंत्री मनमोहन गांधी और वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी को इस संबंध में चिट्ठी लिखी है ।

इसमें उन्होंने पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर तुरंत ध्यान देने की अपील की है ।

करुणानिधि का कहना है कि आम आदमी और किसानों को राहत के लिए ये क़दम ज़रूरी है ।

डीएमके इससे पहले भी पेट्रोल की कीमतों में बढ़ोत्तरी का सार्वजनिक रूप से विरोध किया था ।

रेल मंत्री ममता बनर्जी भी पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ने से खुश नहीं हैं ।

उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि वो इसे वापस लेने का अनुरोध करती हैं क्योंकि इससे आम लोगों की ज़रूरत की चीज़ें महंगी हो जाएंगी ।

पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोत्तरी , मनमोहन सरकार मुश्किल में !!

बजट में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोत्तरी के मुद्दे पर मनमोहन सरकार मुश्किलों में घिर गई है ।

इस मुद्दे पर विपक्ष के कटौती प्रस्ताव के जरिए सरकार के बहुमत को चुनौती देने की तैयारियों की है ।

दूसरी ओर केंद्र सरकार की सहयोगी ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस और करुणानिधि की डीएमके ने कांग्रेस से बढ़ोत्तरी वापस लेने की माँग की है ।

डीएमके प्रमुख और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम करुणानिधि ने यूपीए की प्रमुख सोनिया गांधी, प्रधानमंत्री मनमोहन गांधी और वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी को इस संबंध में चिट्ठी लिखी है ।

इसमें उन्होंने पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर तुरंत ध्यान देने की अपील की है ।

करुणानिधि का कहना है कि आम आदमी और किसानों को राहत के लिए ये क़दम ज़रूरी है ।

डीएमके इससे पहले भी पेट्रोल की कीमतों में बढ़ोत्तरी का सार्वजनिक रूप से विरोध किया था ।

रेल मंत्री ममता बनर्जी भी पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ने से खुश नहीं हैं ।

उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि वो इसे वापस लेने का अनुरोध करती हैं क्योंकि इससे आम लोगों की ज़रूरत की चीज़ें महंगी हो जाएंगी ।

ध्रुव हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त !!

भारतीय वायु सेना का कम वजन वाला आधुनिक ध्रुव हेलीकॉप्टर शनिवार को राजस्थान के जैसलमेर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हेलीकॉप्टर कल होने वाले वायु शक्ति हवाई शक्ति शो के लिए अभ्यास कर रहा था।

सेना के अधिकारियों ने बताया कि हेलीकॉप्टर वायु सेना के सारंग हेलीकॉप्टर प्रदर्शन दल का भाग था, जो दुर्घटना के समय कल के हवाई शो के लिए अभ्यास कर रहा था। उन्होंने कहा कि दोनों पायलट सुरक्षित हैं। अधिकारियों ने बताया कि वायु सेना ने दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के आदेश दे दिए हैं।

क्या अब एएलएच ध्रुव वाला दल कल के हवाई शो में शामिल होगा, प्रश्न पर अधिकारियों ने कहा कि सारंग की भागीदारी अभी निरस्त नहीं की गई है। कल के इस हवाई शो को देखने वालों में राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल और रक्षा मंत्री एके एंटनी भी शामिल हैं।

वर्ष 2005 में आंध्रप्रदेश में ऐसी ही दुर्घटना होने के बाद एएलएच ध्रुव के पूरे बेड़े को कई महीनों तक जमीन पर रखा गया था। इसके बाद की जांच में विमान के पिछले रोटोर ब्लेड में खामियां पाई गईं थीं। वर्ष 2004 के बाद से इस हेलीकॉप्टर की यह पांचवीं दुर्घटना है। 2004 में रॉयल नेपाल सेना इस हेलीकॉप्टर का संचालन कर रही थी, उसी दौरान इसमें गड़बड़ी आ गई थी।

सारंग दल 2003 में बना था, जिसके बाद से ध्रुव हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने का यह दूसरा मामला है। फरवरी, 2007 में एयरो इंडिया शो के अभ्यास के दौरान दल का एक विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिससे विमान के सह पायलट की मौत हो गई थी।

ध्रुव हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त !!

भारतीय वायु सेना का कम वजन वाला आधुनिक ध्रुव हेलीकॉप्टर शनिवार को राजस्थान के जैसलमेर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हेलीकॉप्टर कल होने वाले वायु शक्ति हवाई शक्ति शो के लिए अभ्यास कर रहा था।

सेना के अधिकारियों ने बताया कि हेलीकॉप्टर वायु सेना के सारंग हेलीकॉप्टर प्रदर्शन दल का भाग था, जो दुर्घटना के समय कल के हवाई शो के लिए अभ्यास कर रहा था। उन्होंने कहा कि दोनों पायलट सुरक्षित हैं। अधिकारियों ने बताया कि वायु सेना ने दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के आदेश दे दिए हैं।

क्या अब एएलएच ध्रुव वाला दल कल के हवाई शो में शामिल होगा, प्रश्न पर अधिकारियों ने कहा कि सारंग की भागीदारी अभी निरस्त नहीं की गई है। कल के इस हवाई शो को देखने वालों में राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल और रक्षा मंत्री एके एंटनी भी शामिल हैं।

वर्ष 2005 में आंध्रप्रदेश में ऐसी ही दुर्घटना होने के बाद एएलएच ध्रुव के पूरे बेड़े को कई महीनों तक जमीन पर रखा गया था। इसके बाद की जांच में विमान के पिछले रोटोर ब्लेड में खामियां पाई गईं थीं। वर्ष 2004 के बाद से इस हेलीकॉप्टर की यह पांचवीं दुर्घटना है। 2004 में रॉयल नेपाल सेना इस हेलीकॉप्टर का संचालन कर रही थी, उसी दौरान इसमें गड़बड़ी आ गई थी।

सारंग दल 2003 में बना था, जिसके बाद से ध्रुव हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने का यह दूसरा मामला है। फरवरी, 2007 में एयरो इंडिया शो के अभ्यास के दौरान दल का एक विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिससे विमान के सह पायलट की मौत हो गई थी।

चिली में शक्तिशाली झटके , कई सौ लोगों की मौत !!

चिली में आए भूकंप के शक्तिशाली झटके की वजह से कम से कम 300 लोगों की मौत हो गई। इससे प्रशांत महासागर में तेज लहरें उठी हैं और इसके एक दिन बाद जापान को भी सुनामी की चेतावनी जारी करना पड़ी।

भूकंप से बुरी तरह प्रभावित इलाकों का विमान से दौरा करने के बाद राष्ट्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति मिशेल बचेलेत ने कहा कि आपदा से करीब बीस लाख लोग प्रभावित हुए हैं। प्रकृति ने हमारे देश पर एक बार फिर कहर बरपाया है।

राष्ट्रपति ने 8.8 तीव्रता वाले भूकंप के झटके के बाद चिली के 15 क्षेत्रों में से छह को भूकंप की दृष्टि से ज्यादा खतरनाक क्षेत्र घोषित किया। राजधानी सैंटियागो से करीब 325 किलोमीटर दक्षिण पश्चिम में रात को 8.8 की तीव्रता वाला भूकंप आया था। इससे पुल क्षतिग्रस्त हो गए, इमारतें ढह गईं और सड़कें नष्ट हो गईं।

गृहमंत्री एडांडो पेरेज योमा ने कहा यह आपदा अत्यंत भयावह है इसलिए निश्चित आंकड़े बता पाना मुश्किल होगा। बाद में आधिकारिक सूत्रों ने भूकंप के कारण कम से कम 300 लोगों के मरने की बात कही है। दक्षिण अमेरिकी देश चिली की आबादी करीब 1,60 लाख है।

गौरतलब है कि शनिवार को स्थानीय समयानुसार तड़के तीन बजकर 34 मिनट पर (भारतीय समयानुसार दिन के 12 बजकर चार मिनट पर) भूकंप का तीव्र झटका आने के बाद चिली के तट पर दो मीटर से भी ऊंची लहरें उठीं थीं।

अगर भूकंप के बाद सुनामी उठी तो न्यूजीलैंड से जापान तक फैले करीब 50 देशों और भूभागों के समुद्री लहरों की चपेट में आने की आशंका जताई गई है। गौरतलब है कि पांच साल पहले हिंद महासागर में आई विनाशकारी सुनामी में दो लाख 20 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी।

हवाई, फ्रेंच पोलिनेशिया और साउथ पैसिफिक में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की चेतावनी दी गई लेकिन बाद में जापान और दूरस्थ रूस को छोड़ कर सभी स्थानों से चेतावनी वापस ले ली गई।

जापान की मौसम एजेंसी ने तीन मीटर उंची लहरें उठने और देश के उत्तरी तटीय इलाकों को उसकी चपेट में आने की चेतावनी जारी की है। एजेंसी ने जापानी द्वीपसमूह के पूरे प्रशांत तटीय इलाकों में भी दो मीटर तक लहरें उठने की चेतावनी जारी की है। अब तक के सबसे बड़े भूकंपों में से एक इस भूकंप से बिजली की तार टूटने से राजधानी सैंटियागो में अंधेरा छा गया है और संचार व्यवस्था प्रभावित हुई है।

सूत्रों के मुताबिक भूकंप से टर्मिनल पर हुए नुकसान के कारण अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को बंद कर दिया गया है। जिस समय भूकंप आया उस समय कई चिलीवासी सप्ताहांत के शुरु होने की वजह से नाइटक्लबों में आयोजित पार्टी में थे। इस भूकंप से कई इमारतें ढह गईं और बिजली के तार टूट गए।

चिली में शक्तिशाली झटके , कई सौ लोगों की मौत !!

चिली में आए भूकंप के शक्तिशाली झटके की वजह से कम से कम 300 लोगों की मौत हो गई। इससे प्रशांत महासागर में तेज लहरें उठी हैं और इसके एक दिन बाद जापान को भी सुनामी की चेतावनी जारी करना पड़ी।

भूकंप से बुरी तरह प्रभावित इलाकों का विमान से दौरा करने के बाद राष्ट्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति मिशेल बचेलेत ने कहा कि आपदा से करीब बीस लाख लोग प्रभावित हुए हैं। प्रकृति ने हमारे देश पर एक बार फिर कहर बरपाया है।

राष्ट्रपति ने 8.8 तीव्रता वाले भूकंप के झटके के बाद चिली के 15 क्षेत्रों में से छह को भूकंप की दृष्टि से ज्यादा खतरनाक क्षेत्र घोषित किया। राजधानी सैंटियागो से करीब 325 किलोमीटर दक्षिण पश्चिम में रात को 8.8 की तीव्रता वाला भूकंप आया था। इससे पुल क्षतिग्रस्त हो गए, इमारतें ढह गईं और सड़कें नष्ट हो गईं।

गृहमंत्री एडांडो पेरेज योमा ने कहा यह आपदा अत्यंत भयावह है इसलिए निश्चित आंकड़े बता पाना मुश्किल होगा। बाद में आधिकारिक सूत्रों ने भूकंप के कारण कम से कम 300 लोगों के मरने की बात कही है। दक्षिण अमेरिकी देश चिली की आबादी करीब 1,60 लाख है।

गौरतलब है कि शनिवार को स्थानीय समयानुसार तड़के तीन बजकर 34 मिनट पर (भारतीय समयानुसार दिन के 12 बजकर चार मिनट पर) भूकंप का तीव्र झटका आने के बाद चिली के तट पर दो मीटर से भी ऊंची लहरें उठीं थीं।

अगर भूकंप के बाद सुनामी उठी तो न्यूजीलैंड से जापान तक फैले करीब 50 देशों और भूभागों के समुद्री लहरों की चपेट में आने की आशंका जताई गई है। गौरतलब है कि पांच साल पहले हिंद महासागर में आई विनाशकारी सुनामी में दो लाख 20 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी।

हवाई, फ्रेंच पोलिनेशिया और साउथ पैसिफिक में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की चेतावनी दी गई लेकिन बाद में जापान और दूरस्थ रूस को छोड़ कर सभी स्थानों से चेतावनी वापस ले ली गई।

जापान की मौसम एजेंसी ने तीन मीटर उंची लहरें उठने और देश के उत्तरी तटीय इलाकों को उसकी चपेट में आने की चेतावनी जारी की है। एजेंसी ने जापानी द्वीपसमूह के पूरे प्रशांत तटीय इलाकों में भी दो मीटर तक लहरें उठने की चेतावनी जारी की है। अब तक के सबसे बड़े भूकंपों में से एक इस भूकंप से बिजली की तार टूटने से राजधानी सैंटियागो में अंधेरा छा गया है और संचार व्यवस्था प्रभावित हुई है।

सूत्रों के मुताबिक भूकंप से टर्मिनल पर हुए नुकसान के कारण अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को बंद कर दिया गया है। जिस समय भूकंप आया उस समय कई चिलीवासी सप्ताहांत के शुरु होने की वजह से नाइटक्लबों में आयोजित पार्टी में थे। इस भूकंप से कई इमारतें ढह गईं और बिजली के तार टूट गए।

लो क सं घ र्ष !: बजट नीतियाँ लीक से हटने की दरकार

सुप्रसिद्ध अर्थशास्त्री श्री कमल नयन काबरा की शीघ्र प्रकाशित होने वाली पुस्तक 'आम आदमी - बजट और उदारीकरण' प्रकाशन संस्थान नई दिल्ली से प्रकाशित हो रही है जिसकी कीमत 250 रुपये है उसी पुस्तक के कुछ अंश नेट पर प्रकाशित किये जा रहे हैं
-सुमन


भारत सरकार के सालना बजट के प्रावधान और उनके साथ जुड़ी नीतियाँ प्रत्यक्ष प्रभाव से देश की आबादी में अपेक्षाकृत अल्पांश को प्रभावित कर पाती हैं। इनमें से भी सभी का कुल मिलाकर बजट से भला ही हो, सम्भव नहीं हैं। आज की घड़ी न ही यह सम्भव है कि बजट के लाभों और उसकी लागत का न्यायपूर्ण वितरण हो । प्रगतिशील सार्वजनिक व्यय नीति (अर्थात अपेक्षाकृत निर्बल तबकों पर तुलनात्मक रूप से ज्यादा खर्च हो अपेक्षाकृत सबल लोगों के मुकाबले) की कभी चर्चा तक याद नहीं आती है। प्रगतिशील कर प्रणाली, अर्थात अपेक्षाकृत धनी लोगों के अनुपात से ज्यादा कर-राशि उठाई जाये तथा अपेक्षाकृत कम आय और सम्पत्तिवान तबकों से अनुपात कम, काफी चर्चित रही है। किन्तु मेेरी जानकारी के तहत किसी व्यवस्थित और विश्वस्तरीय अध्ययन ने भारतीय कर प्रणाली को प्रगतिशीलता का रूतवा नहीं दिया है। इन मुद्दो के अलावा किसी भी दीर्घकालीन जनोन्मुखी बजट-विमर्श में एक अन्य मुद्दा काफी ध्यान देने काबिल होता है। बजट में क्या-क्या शामिल हो सकता है, इसकी अनेक सम्भावनाएँ होती हैं। कुछ नुक्तों के शुमार करने का अर्थ है अन्य सम्भावित विकल्पों की अस्वीकृति। इसी साल की बात नहीं, अब तक किसी भी बजट के नामंजूर,नाशुमार तत्वों चलने से जितने बहुलांश भारतीयों को जितनी फौरी और दीर्घकालिन हानि उठानी पड़ी है, वह निस्सन्देह बजट प्रभावों की जद मंे आने वाले लोगों की संख्या और उनके हितार्थो से बेशुमार ज्यादा हैं। भारतीय राष्ट्र-राज्य के शक्ति-सन्तुलन में कोई ऐसा बदलाव नहीं आया है और न ही ऐसे बदलावों की दस्तक सुनाई देने के शुभ संकेत भी हमारी फिजां में हैं कि सन् 2009-10 के बजट से कोई आशा की जा सकती हैं।
किन्तु हमारे परिवेश तथा राष्ट्रीय जीवन में अनेक ऐसे तत्व उभर रहें हैं जो ऐसे बदलाव की बयार के लिए कोई छोटी-बड़ी खिड़की तो खोलें। कम से कम 2007 में जारी विश्व पूँजीवाद के पिछले आठ दशकों के बाद आये संकट को तो हमारे बजटकारों ने भी चीन्हा हैं। कहा जा रहा है धनी पूँजीवादी देशों के कर्तव्यों के कुप्रभाव ’अकारण’ हम पर भी लाद दिए गये है। जिस किस्म के भूमण्डलीकरण का ’स्वेच्छा’ से और डंके की चोट पर उसके गुणगान करते हुए वरण किया गया था, और इस बजट तथा सरकारी आर्थिक सर्वेक्षण में अब भी उसकी शान में कसीदे पढ़े जा रहें हैं, आज उसी के दुष्प्रभावों से निजात पाने की इस साल के बजट की सबसे बड़ी चुनौती, पहला बड़ा काम माना गया है। इस दुष्प्रभाव की मुख्य पहचान नौ प्रतिशत सालाना आर्थिक उत्पादन से घटकर 6 से 7 प्रतिशत तक आना माना जा रहा है। खासकर इसके असर से भगोड़ी पूँजी का ’अपने पनहि’ करना, यानी खतरे के असर क्षितिज पर आते ही नौ दो ग्यारह हो जाना, निर्यातकों की आय घटना, शेयर कीमतों का औंधे मुँह गिरना, विदेशी मुद्रा भण्डार में कमी, कल-कारखानोें की उत्पादन बढ़त दर की गिरावट, भारतीय मुद्रा की अस्थिरता, आयात में कमी, माँग में कमी, व्यापक स्तर पर छँटनी, नयी नौकरियों के लाले पड़ने आदि के रूप में मंदी के बहुमुखी कुप्रभावों की चर्चा की गयी है। किन्तु मंदी से निपटने के सारे उपाय कम्पनियों और निर्यातकों के घटतें मुनाफे या सचमुच की हानि को पाटने से सम्बन्धित रहे है।जिनकी देश और विदेश में नौकरियाँ गयी हैं, जिनके परिवारों के मनी आर्डर कम और हल्के हो गये हैं या बन्द हो गये हैं, जिन कारीगरों, लघु उद्यमियों के रोजगार छिन गये हैं या बन्दी की कगार पर है, उनके लिए प्रत्यक्ष रूप से सहायक सरकारी कदमों के स्थान पर मुख्यतः अप्रत्यक्ष प्रयास बड़े उद्यमियों-निर्यातकों आदि के माध्यम से किए गये हैं। जब माँग का टूटा हो, पुरानी मशीनें अप्रयुक्त या अर्द्ध-प्रयुक्त हों, तो मात्र कम ब्याज दर से आकर्षित होकर कौन निवेश करना चाहेगा? वैसे हमारा ग्रहस्थ क्षेत्र, यानी प्रधान रूप से मध्यम आय तबका ही मुख्य बचतकर्ता है और बैंकों का बचत खाता सर्वाधिक प्रचलित बचत का तरीका। इतनी कम ब्याज दर, कि वह उपभोग की कीमतें बढ़त दर की मात्र एक-तिहाइ के लगभग हो, यानी उनका वास्तविक मोल ऋणात्मक हो, कैन नये उद्यम की ओखली में सिर देना चाहेगा? सामान्य स्थिति में भी असमावेशित-लोग सीमान्त स्तर पर होते हैं, मंदी के दौर में तो तिहरी मार के शिकार होते हैं। मंदी की मार, छूटती-घटती नौकरियों का देश और जले पर नमक के समान हैं। सरकारी राहत पैकेज में भी जगह नहीं मिलना।


कमलनयन काबरा
(क्रमश:)