पटना के पास गंगा नदी में पानी के जहाज पर बने एक ' फ्लोटिंग रेस्तरां ' में गुरूवार को बिहार मंत्रिपरिषद की बैठक हुई ।
इस बैठक से पहले हाल ही राजगीर के एक पहाड़ पर राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक हुई थी ।
विपक्ष ने इसे नीतीश मंत्रिमंडल की मौजमस्ती से जुड़ा हुआ ग़ैर ज़रूरी सरकारी ड्रामा कहा है ।
हालांकि दूसरी तरफ मुख्यमंत्री का कहना है, " कैबिनेट की ऐसी बैठकें राज्य में पर्यटन और प्रदूषण नियंत्रण को बढ़ावा देने के लिए आयोजित हुई हैं । "
वैसे, ये कौन नहीं जनता कि सरकार बनाने वाली जनता भले ही अभावग्रस्त हो, जनता के वोट से बनी सरकार चलाने वाले तो साधन - सम्पन्न होते ही हैं और जब राज्य की सरकार को चमत्कारी विकास कर लेने का तमगा भी कहीं से मिल गया हो, तो उस की मंत्रिपरिषद जहाँ चाहेगी, मनोरम पहाड़ पर या गंगा की लहरों पर बैठक कर के भी वाहवाही लूट लेगी ।
राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के एक वरिष्ठ विधायक और राज्य के पूर्व कानून मंत्री शकील अहमद खान ने इस बारे में कहा,"कैबिनेट की बैठक को मौजमस्ती वाले तरीके से या पिकनिक की तरह आयोजित करना सरासर ग़ैर मुनासिब है। इसे जनता के पैसे का खुल्लम - खुल्ला दुरुपयोग ही माना जाएगा और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस तरह राज्य में एक गलत परंपरा डाल रहे हैं । "
मैंने गंगा किनारे जाकर देखा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने तमाम मंत्रियों और बड़े अधिकारियों के साथ ' गंगा जल-विहार' नामक एयर- कंडीशंड फ्लोटिंग रेस्तरां में जा बैठे थे। मीडिया वालों को उसपर सवार होने की अनुमति नहीं थी ।
कैबिनेट की इस अनोखी बैठक के लिए सजी- संवरी ' जलपरी ' को किनारे से ही निहारने वाले आम लोगों के बीच मैं जा पहुंचा ।
उनमे़ से कुछ ने सरकार के इस कदम को ग़ैरज़रूरी और फिजूलखर्ची बताया और कहा, " बस मीटिंग करके ये मंत्री लोग चले जायेंगे और गन्दगी यहाँ बनी ही रहेगी। चार साल बाद यह सरकार गंगा प्रदूषण पर चिंता दिखा रही है। ये सब अगले चुनाव के मद्देनज़र सरकार का केवल दिखावा है । "
लेकिन वहाँ कई लोग ऐसे भी थे, जो कैबिनेट की इस बैठक के पक्ष में बोल रहे थे। एक ने कहा, "अगर गंगा के प्रदूषण रोकने की तरफ लोगों का ध्यान दिलाने के लिए सरकार यह बैठक यहाँ कर रही है तो इसमें बुरा क्या है ? बाहरी लोगों को यह पता भी तो चलेगा कि पटना में गंगा पर एक फ्लोटिंग रेस्तरां चल रहा है और इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। । "
कैबिनेट की बैठक जब समाप्त हुई तो मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से कहा, "कई निर्णय लिए गये हैं, जिसमे एक प्रमुख निर्णय ये है कि अब राज्य में आयातित चीनी पर लगने वाले वैट (मूल्य वर्धित कर) हटा लिए जायेंगे। इससे यहाँ चीनी थोड़ी सस्ती हो जाएगी । "
इस बैठक को यहाँ कुछ लोगों ने मकरसंक्रांति के मौके पर नीतीश मंत्रिमंडल का 'गंगा जल-विहार' भी क़रार दिया है ।
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