अमर सिंह ने समाजवादी पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा क्या दिया मानों ख़बरों की बाढ़ आ गयी और मिल गया खबरिया चैनलों को विशेष दिखाने का मुद्दा.
अमर सिंह मुलायम सिंह और समाजवादी पार्टी में सास बहु सरीखे रिश्ता रहा है, कभी नोक झोक तो कभी आलिंगन. कभी मिलाप तो कभी रुसवाई और अंत में बाँहों में डाले हाथ अमर मुलायम की जोड़ी.
अमर सिंह ने कई बार समाजवादी पार्टी में अपनी नाराजगी दिखाई है परन्तु मुलायम से कभी इनकी नाराजगी नहीं रही यही वजह रही कि मन मुनव्वल के बाद बड़े और छोटे भाई हमेशा साथ दिखे.
दुबई से अमर सिंह के दिए इस्तीफे के बाद ख़बरों के बाजार में अखबार हो या अंतरजाल या फिर खबरिया चैनल इस मुद्दे को कोई भी गंवाना नहीं चाहता सो सभी ने इस को विशेष दर्जे के साथ प्रसारित किया. एक खबरिया चैनल पर विनोद मेहता भी थे जो कि आउटलुक साप्ताहिक के संपादक हैं और वरिष्ट पत्रकार भी और इसी मुद्दे पर बोलते बोलते अपने दिल कि बात को जुबान पर लाने से नहीं बच पाए और बोल ही दिया कि " अगर राजनीति से अमर सिंह जैसे लोग चलें जाएँ तो पत्रकारिता की तो दुकानदारी ही बंद हो जायेगी" नि:संदेह मीडिया की वास्तविक हकीकत को बयाँ कर गयी.
लोकतंत्र के चौथा खम्भा होने का दावा करने वाली पत्रकारिता गुजरे ज़माने के साथ बदलती चली गयी और बाजारवाद में रह गए मीडिया को बेचने वाले. खबर के बाजार में अपने अपने उत्पाद को बेचने के लिए मीडिया के व्यवसायी ने रखा अपने यहाँ पत्रकार नामक मार्केटिंग प्रोफेसनल जो बाकायदा खबर को बेचने में अपने अपने मीडिया हॉउस के लिए खबर बेच रहे हैं और हिन्दुस्तान के लोगों को फ्राड करने के धंधे में अग्रणी बने हुए हैं.
2 comments:
बहुत बढ़िया सहमत हूँ ...
main bhi poori tarah sahmat hun...aajkal media apni khaber garam kerne ke liye kisi ki bhi nizi zindagi main dakhalandaazi kerne se nahi chukti unhone manviyata ko pare kerke...logon ki bhavnao ko mahaz ek marketing ki cheez bana diya hai
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