
खगोलविदों के मुताबिक, पूर्ण और आंशिक सूर्य ग्रहण अक्सर होते रहते हैं, लेकिन लंबी अवधि का कंकणाकृति सूर्य ग्रहण बहुत कम दिखाई देता है। स्थान के अनुसार ग्रहण का प्रारंभ सुबह 11 बजे से दोपहर 12.30 बजे के बीच और अंत अपराह्न् 3 बजे से 3.30 बजे के आसपास होगा। लंबी अवधि के कारण यह सूर्य ग्रहण वैज्ञानिक अध्ययन के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है। इस प्रकार का अगला सूर्य ग्रहण 1,033 वर्ष बाद 24 दिसंबर 3043 को दिखाई देगा।
खगोलविद डॉ. राजेंद्र सक्सेना के मुताबिक, यह ग्रहण हिंद महासागर क्षेत्र से शुरू होकर दक्षिण पूर्वी चीन में समाप्त होगा। पं. अमर डिब्बेवाला ने बताया कि यह सूर्य ग्रहण मौनी अमावस्या पर हो रहा है। इस प्रकार का संयोग वर्षों बाद बना है।
ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को खास सावधानी बरतनी चाहिए। सब्जी नहीं काटनी चाहिए। बाहर घूमने-फिरने और खाने से परहेज करें। सोना नहीं चाहिए।
राशियों पर प्रभाव
मेष व सिंह : शुभ है
वृष : अपमानकारक
मिथुन व तुला : कष्टकारक रहेगा
वृश्चिक : धन लाभ
धनु : हानि
कर्क : पति—पत्नी में कष्टकारक
कन्या : चिंता होगी
मकर : हानि होगी
कुंभ : हानिकारक
मीन : लाभ कारक
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