मैथिली गीत !!


सब एलय फगुआ में सजना ,
अहाँ बिना मोर आँगन सूना ।
सब एलय ............................।

चतुर्थिक राति अहाँ पढिते रहलहुँ ,
भोरे उठि कs अहाँ चलि देलहुँ ।

चिट्ठियो नहि देलहुँ खबरियो नहि लेलहुँ ,
जाइत काल एकोटा फोटुओ देलहुँ ।,

इहो नहि बुझलियय हम जीबय कोना ।
सब एलय ...................... ।

खूब पढू खूब पढू खूब पढू यौ ,
कखनो कs हमरो बिचारि करू यौ ,

लाल काकी के जोड़ा बेटा भेलैंह ,
सौंसे गामे के ओ भोज केलैन्ह ,

अपन कर्मक लिखल के मेटत के ,
ककरो एकोटा नहि ककरो भेंटय दूना ।

सब एलय ...................... ।

- लल्लन प्रसाद ठाकुर -

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