आस्ट्रेलियाई यूनिवर्सिटी में भारतीय छात्रों के नामांकन में भारी गिरावट दर्ज किया गया है.
टूरिज़्म ऑस्ट्रेलिया के ताज़ा अनुमान के अनुसार, पिछले दिनों ऑस्ट्रेलिया के अलग अलग शहरों में भारतीय मूल के छात्रों पर हुए हमलों के बाद अगले साल ऑस्ट्रेलिया में पढ़ने आने वाले भारतीय छात्रों की संख्या में 4,000 की कमी आएगी. टूरिज़्म ऑस्ट्रेलिया की पूर्वानुमान समिति के अनुसार छात्रों की संख्या में यह गिरावट भारतीय समुदाय की सुरक्षा चिंताओं की वजह से आएगी. वीज़ा आवेदनों के आधार पर बताया गया है कि 2010 में पढ़ाई के लिए ऑस्ट्रेलिया आने वाले भारतीयों की संख्या में 20 प्रतिशत से ज़्यादा की गिरावट देखने को मिल सकती है.
अनुमानों के अनुसार शिक्षा क्षेत्र में तो 7 करोड़ डॉलर की कमी आएगी, लेकिन पूरे पर्यटन उद्योग को अगले साल मज़बूत अर्थव्यवस्था के कारण फायदा होने की उम्मीद है. कठिन रहे 2009 के बाद 2010 में काफ़ी सुधार की उम्मीद की जा रही है. ऑस्ट्रेलिया और सिडनी में भारतीय छात्रों पर हुए हमलों का ठीकरा तो पुलिस ने अवसरवादी अपराधियों के सिर फोड़ने की कोशिश की. लेकिन भारतीय छात्रों और मीडिया ने जब इन मामलों को जातिवादी करार दिया तो इन्होंने जल्द ही भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच राजनयिक मुद्दे के तौर पर तूल पकड़ लिया.
अंतर्राष्ट्रीय छात्र ऑस्ट्रलिया को निर्यात से होने वाली आमदनी का तीसरा सबसे बड़ा ज़रिया है. 2009 में ऑस्ट्रेलिया में सत्तर हज़ार से भी ज़्यादा भारतीय छात्र पढ़ रहे थे. ऑस्ट्रेलिया में शिक्षा का ख़र्च कम होने के कारण वह भारत के बाहर पढ़ने जाने वालों के लिए पसंदीदा ठिकाना बनता जा रहा था. साल 2002 से अब तक ऑस्ट्रेलिया के अलग अलग कॉलेजों में भारतीय छात्रों का नामांकन हर साल 41 प्रतिशत की दर से बढ़ता जा रहा था. ऑस्ट्रेलिया में फेडेरेशन ऑफ इंडियन स्टूडेंट्स के अध्यक्ष गौतम गुप्ता का कहना है कि भारतीय छात्रों के नामांकन में गिरावट ज़रूर है लेकिन स्थिति उतनी गंभीर नहीं है जिसका अनुमान हमलों के बाद से लगाया जा रहा था. यह पहला मौका है जब भारतीय छात्रों की सुरक्षा को लेकर नकारात्मक आंकड़े प्रस्तुत किए गए हैं.