दोहे और उक्तियाँ !!

बंजारानामा



क्यों जी पर बोझ उठाता है इन गौनों भारी-भारी के

जब मौत का डेरा आन पड़ा फिर दूने हैं ब्योपारी के

क्या साज़ जड़ाऊ, ज़र ज़ेवर क्या गोटे थान किनारी के

क्या घोड़े ज़ीन सुनहरी के, क्या हाथी लाल अंबारी के

सब ठाठ पड़ा रह जावेगा जब लाद चलेगा बंजारा



मग़रूर न हो तलवारों पर मत भूल भरोसे ढालों के

सब पत्ता तोड़ के भागेंगे मुंह देख अजल के भालों के

क्या डिब्बे मोती हीरों के क्या ढेर ख़जाने मालों के

क्या बुक़चे ताश, मुशज्जर के क्या तख़ते शाल दुशालों के

सब ठाठ पड़ा रह जावेगा जब लाद चलेगा बंजारा



('नज़ीर' अकबराबादी)



दोहे और उक्तियाँ !!

बंजारानामा



क्यों जी पर बोझ उठाता है इन गौनों भारी-भारी के

जब मौत का डेरा आन पड़ा फिर दूने हैं ब्योपारी के

क्या साज़ जड़ाऊ, ज़र ज़ेवर क्या गोटे थान किनारी के

क्या घोड़े ज़ीन सुनहरी के, क्या हाथी लाल अंबारी के

सब ठाठ पड़ा रह जावेगा जब लाद चलेगा बंजारा



मग़रूर न हो तलवारों पर मत भूल भरोसे ढालों के

सब पत्ता तोड़ के भागेंगे मुंह देख अजल के भालों के

क्या डिब्बे मोती हीरों के क्या ढेर ख़जाने मालों के

क्या बुक़चे ताश, मुशज्जर के क्या तख़ते शाल दुशालों के

सब ठाठ पड़ा रह जावेगा जब लाद चलेगा बंजारा



('नज़ीर' अकबराबादी)



Friends

WHAT IS A FRIEND?
[]
[] Your Heart is your Love, []
[] Your love is your Family , []
[]Your family is your Future , []
[]Your future is your Destiny , []
[]Your destiny is your Ambition, []
[]Your ambition is your Aspiration , []
[]Your aspiration is your Motivation , []
[]Your motivation is your Belief , []
[]Your belief is your Peace , []
[]Your peace is your Target , []
[]
Your target is Heaven, []
[]Heaven is no fun without FRIENDS []
[] It's " World Best Friends Week" send this to all your good friends. []
[]Even me, if I am one of them. See how many you get back. []
[]If you get more than 3 you are really a lovable person...I am waiting []
[]

[] F - Few
[] R - Relations
[] I - In
[] E - Earth
[] N - Never
[] D - Die

cid:4.2237608339@web30707.mail.mud.yahoo.com


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भारतीय छात्रों ने ऑस्ट्रेलिया से मूंह मोड़ा !


आस्ट्रेलियाई यूनिवर्सिटी में भारतीय छात्रों के नामांकन में भारी गिरावट दर्ज किया गया है.


टूरिज़्म ऑस्ट्रेलिया के ताज़ा अनुमान के अनुसार, पिछले दिनों ऑस्ट्रेलिया के अलग अलग शहरों में भारतीय मूल के छात्रों पर हुए हमलों के बाद अगले साल ऑस्ट्रेलिया में पढ़ने आने वाले भारतीय छात्रों की संख्या में 4,000 की कमी आएगी. टूरिज़्म ऑस्ट्रेलिया की पूर्वानुमान समिति के अनुसार छात्रों की संख्या में यह गिरावट भारतीय समुदाय की सुरक्षा चिंताओं की वजह से आएगी. वीज़ा आवेदनों के आधार पर बताया गया है कि 2010 में पढ़ाई के लिए ऑस्ट्रेलिया आने वाले भारतीयों की संख्या में 20 प्रतिशत से ज़्यादा की गिरावट देखने को मिल सकती है.


अनुमानों के अनुसार शिक्षा क्षेत्र में तो 7 करोड़ डॉलर की कमी आएगी, लेकिन पूरे पर्यटन उद्योग को अगले साल मज़बूत अर्थव्यवस्था के कारण फायदा होने की उम्मीद है. कठिन रहे 2009 के बाद 2010 में काफ़ी सुधार की उम्मीद की जा रही है. ऑस्ट्रेलिया और सिडनी में भारतीय छात्रों पर हुए हमलों का ठीकरा तो पुलिस ने अवसरवादी अपराधियों के सिर फोड़ने की कोशिश की. लेकिन भारतीय छात्रों और मीडिया ने जब इन मामलों को जातिवादी करार दिया तो इन्होंने जल्द ही भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच राजनयिक मुद्दे के तौर पर तूल पकड़ लिया.


अंतर्राष्ट्रीय छात्र ऑस्ट्रलिया को निर्यात से होने वाली आमदनी का तीसरा सबसे बड़ा ज़रिया है. 2009 में ऑस्ट्रेलिया में सत्तर हज़ार से भी ज़्यादा भारतीय छात्र पढ़ रहे थे. ऑस्ट्रेलिया में शिक्षा का ख़र्च कम होने के कारण वह भारत के बाहर पढ़ने जाने वालों के लिए पसंदीदा ठिकाना बनता जा रहा था. साल 2002 से अब तक ऑस्ट्रेलिया के अलग अलग कॉलेजों में भारतीय छात्रों का नामांकन हर साल 41 प्रतिशत की दर से बढ़ता जा रहा था. ऑस्ट्रेलिया में फेडेरेशन ऑफ इंडियन स्टूडेंट्स के अध्यक्ष गौतम गुप्ता का कहना है कि भारतीय छात्रों के नामांकन में गिरावट ज़रूर है लेकिन स्थिति उतनी गंभीर नहीं है जिसका अनुमान हमलों के बाद से लगाया जा रहा था. यह पहला मौका है जब भारतीय छात्रों की सुरक्षा को लेकर नकारात्मक आंकड़े प्रस्तुत किए गए हैं.


भारतीय छात्रों ने ऑस्ट्रेलिया से मूंह मोड़ा !


आस्ट्रेलियाई यूनिवर्सिटी में भारतीय छात्रों के नामांकन में भारी गिरावट दर्ज किया गया है.


टूरिज़्म ऑस्ट्रेलिया के ताज़ा अनुमान के अनुसार, पिछले दिनों ऑस्ट्रेलिया के अलग अलग शहरों में भारतीय मूल के छात्रों पर हुए हमलों के बाद अगले साल ऑस्ट्रेलिया में पढ़ने आने वाले भारतीय छात्रों की संख्या में 4,000 की कमी आएगी. टूरिज़्म ऑस्ट्रेलिया की पूर्वानुमान समिति के अनुसार छात्रों की संख्या में यह गिरावट भारतीय समुदाय की सुरक्षा चिंताओं की वजह से आएगी. वीज़ा आवेदनों के आधार पर बताया गया है कि 2010 में पढ़ाई के लिए ऑस्ट्रेलिया आने वाले भारतीयों की संख्या में 20 प्रतिशत से ज़्यादा की गिरावट देखने को मिल सकती है.


अनुमानों के अनुसार शिक्षा क्षेत्र में तो 7 करोड़ डॉलर की कमी आएगी, लेकिन पूरे पर्यटन उद्योग को अगले साल मज़बूत अर्थव्यवस्था के कारण फायदा होने की उम्मीद है. कठिन रहे 2009 के बाद 2010 में काफ़ी सुधार की उम्मीद की जा रही है. ऑस्ट्रेलिया और सिडनी में भारतीय छात्रों पर हुए हमलों का ठीकरा तो पुलिस ने अवसरवादी अपराधियों के सिर फोड़ने की कोशिश की. लेकिन भारतीय छात्रों और मीडिया ने जब इन मामलों को जातिवादी करार दिया तो इन्होंने जल्द ही भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच राजनयिक मुद्दे के तौर पर तूल पकड़ लिया.


अंतर्राष्ट्रीय छात्र ऑस्ट्रलिया को निर्यात से होने वाली आमदनी का तीसरा सबसे बड़ा ज़रिया है. 2009 में ऑस्ट्रेलिया में सत्तर हज़ार से भी ज़्यादा भारतीय छात्र पढ़ रहे थे. ऑस्ट्रेलिया में शिक्षा का ख़र्च कम होने के कारण वह भारत के बाहर पढ़ने जाने वालों के लिए पसंदीदा ठिकाना बनता जा रहा था. साल 2002 से अब तक ऑस्ट्रेलिया के अलग अलग कॉलेजों में भारतीय छात्रों का नामांकन हर साल 41 प्रतिशत की दर से बढ़ता जा रहा था. ऑस्ट्रेलिया में फेडेरेशन ऑफ इंडियन स्टूडेंट्स के अध्यक्ष गौतम गुप्ता का कहना है कि भारतीय छात्रों के नामांकन में गिरावट ज़रूर है लेकिन स्थिति उतनी गंभीर नहीं है जिसका अनुमान हमलों के बाद से लगाया जा रहा था. यह पहला मौका है जब भारतीय छात्रों की सुरक्षा को लेकर नकारात्मक आंकड़े प्रस्तुत किए गए हैं.


लो क सं घ र्ष !: चिट्ठाजगत के चिट्ठाकारों को

नव वर्ष की पूर्व संध्या पर चिट्ठाजगत के सभी चिट्ठाकारों को
लोकसंघर्ष परिवार की तरफ से हार्दिक शुभकामनाएं



सुमन
लोकसंघर्ष का
सादर प्रणाम

लो क सं घ र्ष !: चिट्ठाजगत के चिट्ठाकारों को

नव वर्ष की पूर्व संध्या पर चिट्ठाजगत के सभी चिट्ठाकारों को
लोकसंघर्ष परिवार की तरफ से हार्दिक शुभकामनाएं



सुमन
लोकसंघर्ष का
सादर प्रणाम

आशाराम बापू के अवैध कब्ज़ा पर सरकार की गिरी गाज, हटाने का निर्देश !!

आध्यात्मिक गुरू आसाराम बापू की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। अब गुजरात के नवसारी जिला कलेक्टर ने चिखली आश्रम पर अवैध कब्जा करने को लेकर आसाराम बापू को नोटिस दिया है। जिलाधिकारी ने बापू को आश्रम से दो दिन में अवैध कब्जा हटाने का निर्देश भी दिया है।


इसके पहले भी आसाराम बापू के बेटे नारायण सांई को 29 दिसंबर को साबरकांठा जिलाधिकारी ने नोटिस दिया था। यहां पर जिलाधिकारी ने नारायण सांई को एक आश्रम पर अवैधकब्जे को लेकर 10 दिन का अल्टीमेटम दिया था।


जिलाधिकार द्वारा नोटिस में कहा गया है कि वह 10 दिनों के अंदर आश्रम खाली न करने की स्थिति में कार्रावाई के लए तैयार रहैं। नारायण सांई पर यह आरोप है कि गलत तरीके से उन्होंने आश्रम बनाया है।


आसाराम आश्रम की ओर से 67 हजार वर्गमीटर सरकारी जमीन पर किए गए अवैध कब्जे के मामले में कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग विरमगाम के प्रांत अधिकारी ने शुक्रवार को ठुकरा दी। अब दसक्रोई के तहसीलदार शनिवार को राजस्व की धारा 202 के अंतर्गत नोटिस भेजकर कभी भी अवैध कब्जे को हटाने की कार्रवाई कर सकते हैं।

आश्रम की ओर से यह बताया गया था कि प्रशासन ने आसाराम ट्रस्ट को नोटिस दिया है जबकि संबंधित जमीन महिला उत्थान आश्रम की है जिसे नोटिस नहीं दिया गया है। डीएलआर की पैमाइश प्रक्रिया पर संदेह जताते हुए उसे भी चुनौती दी गई थी। मोटेरा स्थित आसाराम आश्रम द्वारा साबरमती नदी के किनारे की 51 हजार वर्गमीटर सहित कुल 67 हजार वर्गमीटर सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा किया गया है। इस जमीन को खाली करने के लिए दसक्रोई के तहसीलदार रविन्द्रसिंह वाला ने आश्रम संचालकों को एक सप्ताह का समय दिया था।



गुरुवार को यह अवधि पूरी हो गई थी। तहसीलदार की कार्रवाई पर रोक लगाने के लिए आश्रम की ओर से विरमगाम के प्रांत अधिकारी बी।एच.विहोल के समक्ष गुहार लगाई गई थी। इससे संबंधित अर्जी में कहा गया था सरकारी जमीन खुली है और उस पर किसी प्रकार का अतिक्रमण नहीं किया गया है। प्रांत अधिकारी ने तहसीलदार की कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग ठुकरा दी। आसाराम आश्रम की ओर से अधिवक्ता निलेश त्रिवेदी ने अपनी दलील में कहा था कि नदी के किनारे की जमीन खुली है और उस पर किसी भी प्रकार का अतिक्रमण नहीं किया गया है।



आश्रम के कार्यक्रम के दौरान भारी संख्या में साधक आते हैं । इस स्थिति में खाली जमीन का उपयोग होता है। इस जमीन पर अनेक वृक्ष लगाए गए हैं जो पर्यावरण की दृष्टि से उत्तम है। यदि सरकार इसे अतिक्रमण मानती है तो भी उसे हटाया नहीं जा सकता। इसके अलावा पानी का बोर वहीं पर है जिसे कानूनन नहीं हटाया जा सकता।



प्रशासन की ओर से जो नोटिस दिया गया है वह संतश्री आसाराम आश्रम ट्रस्ट को दिया है जबकि उसे महिला उत्थान ट्रस्ट को देना चाहिए था। यहां तक कि डीएलआर की पैमाइश के दौरान आश्रम की ओर से मौके पर कोई मौजूद नहीं रहा जिससे यह पैमाइश भी उचित नहीं मानी जा सकती।

आशाराम बापू के अवैध कब्ज़ा पर सरकार की गिरी गाज, हटाने का निर्देश !!

आध्यात्मिक गुरू आसाराम बापू की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। अब गुजरात के नवसारी जिला कलेक्टर ने चिखली आश्रम पर अवैध कब्जा करने को लेकर आसाराम बापू को नोटिस दिया है। जिलाधिकारी ने बापू को आश्रम से दो दिन में अवैध कब्जा हटाने का निर्देश भी दिया है।


इसके पहले भी आसाराम बापू के बेटे नारायण सांई को 29 दिसंबर को साबरकांठा जिलाधिकारी ने नोटिस दिया था। यहां पर जिलाधिकारी ने नारायण सांई को एक आश्रम पर अवैधकब्जे को लेकर 10 दिन का अल्टीमेटम दिया था।


जिलाधिकार द्वारा नोटिस में कहा गया है कि वह 10 दिनों के अंदर आश्रम खाली न करने की स्थिति में कार्रावाई के लए तैयार रहैं। नारायण सांई पर यह आरोप है कि गलत तरीके से उन्होंने आश्रम बनाया है।


आसाराम आश्रम की ओर से 67 हजार वर्गमीटर सरकारी जमीन पर किए गए अवैध कब्जे के मामले में कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग विरमगाम के प्रांत अधिकारी ने शुक्रवार को ठुकरा दी। अब दसक्रोई के तहसीलदार शनिवार को राजस्व की धारा 202 के अंतर्गत नोटिस भेजकर कभी भी अवैध कब्जे को हटाने की कार्रवाई कर सकते हैं।

आश्रम की ओर से यह बताया गया था कि प्रशासन ने आसाराम ट्रस्ट को नोटिस दिया है जबकि संबंधित जमीन महिला उत्थान आश्रम की है जिसे नोटिस नहीं दिया गया है। डीएलआर की पैमाइश प्रक्रिया पर संदेह जताते हुए उसे भी चुनौती दी गई थी। मोटेरा स्थित आसाराम आश्रम द्वारा साबरमती नदी के किनारे की 51 हजार वर्गमीटर सहित कुल 67 हजार वर्गमीटर सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा किया गया है। इस जमीन को खाली करने के लिए दसक्रोई के तहसीलदार रविन्द्रसिंह वाला ने आश्रम संचालकों को एक सप्ताह का समय दिया था।



गुरुवार को यह अवधि पूरी हो गई थी। तहसीलदार की कार्रवाई पर रोक लगाने के लिए आश्रम की ओर से विरमगाम के प्रांत अधिकारी बी।एच.विहोल के समक्ष गुहार लगाई गई थी। इससे संबंधित अर्जी में कहा गया था सरकारी जमीन खुली है और उस पर किसी प्रकार का अतिक्रमण नहीं किया गया है। प्रांत अधिकारी ने तहसीलदार की कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग ठुकरा दी। आसाराम आश्रम की ओर से अधिवक्ता निलेश त्रिवेदी ने अपनी दलील में कहा था कि नदी के किनारे की जमीन खुली है और उस पर किसी भी प्रकार का अतिक्रमण नहीं किया गया है।



आश्रम के कार्यक्रम के दौरान भारी संख्या में साधक आते हैं । इस स्थिति में खाली जमीन का उपयोग होता है। इस जमीन पर अनेक वृक्ष लगाए गए हैं जो पर्यावरण की दृष्टि से उत्तम है। यदि सरकार इसे अतिक्रमण मानती है तो भी उसे हटाया नहीं जा सकता। इसके अलावा पानी का बोर वहीं पर है जिसे कानूनन नहीं हटाया जा सकता।



प्रशासन की ओर से जो नोटिस दिया गया है वह संतश्री आसाराम आश्रम ट्रस्ट को दिया है जबकि उसे महिला उत्थान ट्रस्ट को देना चाहिए था। यहां तक कि डीएलआर की पैमाइश के दौरान आश्रम की ओर से मौके पर कोई मौजूद नहीं रहा जिससे यह पैमाइश भी उचित नहीं मानी जा सकती।

लड़का और सेब का पेड़ (कहानी जीवन का दर्शन)

एक लड़का और सेब का पेड़ !

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Everybody has an apple tree in


his life. And that's your Parents !!

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