जमाना जानता है की प्रभात ख़बर के विकाश में हिन्दी या हरिवंश ने नही अपितु कोयलांचल के बड़े बड़े माफिया ने अहम् योगदान दिया है मगर पत्रकारिता की बात हो तो सबको ताक़ पर रख कर हम माला जपने और भजने लगते हैं।
एक नजर तस्वीर पर लगाइए...
हरिवंश ने प्रभात ख़बर में विशेष लिखा, वो अक्सर लिखते रहते हैं मगर हिन्दी के रहनुमा बन्ने वाले ने किस तरह हिन्दी का चीर हरण कर हिन्दी को दरिद्र किया ये उसके शीर्षक से ही आप स्पष्ट समझ सकते हैं।
" देश खोजे इस क्राइसिस का क्रिएटिव रिस्पांस" इस शीर्षक में आप हिन्दी तलाशें और हरिवंश को बधाई दें।
जय जय भड़ास
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