बाबा रामदेव को अभी भी सदबुद्धि नहीं बनियापा छाया है

"बाबा रामदेव की पत्रिका "योग सन्देश ", अप्रैल २००९ के अन्क में ईलेक्ट्रो त्रिदोष ग्राम तकनीक का वर्णन : E.T.G. Technology descriptions in YOGA SANDESH magazine ,April 2009 issue, published by Baba Ram Dev"
जैसा कि सामान्य जन की आदत हो चली है कि भेड़ों की तरह जहां झुंड है उस तरफ चल पड़ो वैसा ही बाबा रामदेव के बारे में आम जनता ने करा। बिना सोचे समझे ही इन्हें इतना बड़ा बना दिया कि अब ये राजनीति में आकर देश की बीमारियां दूर करेंगे। याद होगा कि मैंने एक बार लिखा था कि ये व्यक्ति मात्र एक दोमुंहे पैमाने पर जीने वाला बंदा है तो ये गलत नहीं था। साफ़ है कि जब उपचार कफ-पित्त-वात के सिद्धांत पर आधारित है यानि योग और आयुर्वेद से हो रहा है तो उसका निदान ऐलोपैथी से क्यों कराया जा रहा है। अगर तकनीक न मौजूद होती तो बात अलग थी लेकिन कई साल से गुरूजी डा.देशबंधु बाजपेयी ने इलैक्ट्रोत्रिदोषग्राम(E.T.G.)तकनीक बना रखी है(इस तकनीक के द्वारा शरीर में कफ, पित्त, वात तथा इनके सभी पांच-पांच भेदो तथा सप्त धातुओं का विस्तार से कम्प्युटराइज्ड विवरण मिलता है चाहे वह कोई सा भी रोग हो) जिसके विषय में बाबा से पत्राचार भी सतत जारी रखा लेकिन बाबा के पास तो प्रसिद्धि और मालपानी कमाने से फुर्सत कहां है। अब जब भड़ास ने इस बात पर मुहिम छेड़ दिया कि बिहार के एक संस्थान द्वारा खोजे गए तरीकों पर बाबाजी अपने नाम की मुहर लगा कर कि उन्होंने योग का सांइटिफ़िक विवेचन कराया है ऐसा भ्रम फैला रहे हैं तथा प्रचार माध्यमों से धन्ना सेठ किस्म के "गुरू" बन बैठे है। इस पर अब कहीं जाकर इस लाबी को होश आया है तो इनके एक पंटर द्वारा लिखे एक लेख में इलैक्ट्रोत्रिदोषग्राम(E.T.G.)तकनीक का जरा सा विवरण लिखा है लेकिन अविष्कारक गुरूजी का नाम देने में अभी भी दुराग्रह है साथ ही अब तक इनकी दुकान में इन लोगों ने आयुर्वेद को जूता ही मार रखा है इलैक्ट्रोत्रिदोषग्राम(E.T.G.)तकनीक को वहां स्थान न देकर। यदि जरा सा भी ईमान शेष है इन लोगों में तो ये आयुर्वेद और योग के भले की आड़ में ऐलोपैथी को ऊपर ले जाने का काम तत्काल बंद करेंगे।
जय जय भड़ास

3 comments:

  1. गंदा है पर धंधा है ये...
    बाबा रामदेव और उनके साथ उनके नेपाली साथी जिनके पास आयुर्वेद की पता नहीं कौन सी डिग्री है और कहां रजिस्टर्ड हैं लेकिन सलाहें मुफ़्त में देते हैं। डा.बाजपेयी के तो नाम मात्र से ही इन लोगों को जुलाब होने लगता है
    जय जय भड़ास

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  2. बहुत खूब लिखा भाई,
    वास्तव में रामदेव नाम का ये क्षदमधारी लोगों को उल्लू बना कर अपनी महत्वाकांक्षा साध रहा है, आदि काल से योग हिन्दुस्तान की आत्मा है और रहेगी मगर उसको बेच कर अर्थात भारत की आत्मा को बेचकर ( जैसा की भगवाधारी करते आये है) अपने हित को साधते हैं.
    जय हो
    जय जय भड़ास

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  3. बाबा रामदेव के लिये कुछ भी कड़ा लिखना चांद पर थूकने जैसा है ऐसा मेरे एक परिचित ने मुझसे नाराज होते हुए कहा लेकिन वो बंदा ये नहीं जानता कि भड़ासी ही ये माद्दा रखते हैं जिंदगी भर थूकते रहेंगे इस आस पर कि कभी तो उस पाखंडी को शर्म आएगी हमारा हौसला देख कर कि पलट कर थूक खुद के मुंह पर आता है ये जान कर भी भड़ासियों के कदम डगमगाते नहीं.... ये है भड़ास का दर्शन
    जय जय भड़ास

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