मेरा बछडा ....

एक बछडा । उसे काफी प्यार करता था । हरदम उछल कूद मचाता । मेरा दोस्त बन गया । बस्ता फेंक उसी से बात करता । आँखें बड़ी प्यारी थी । जब उसे लगता की मै स्कुल से आ गया तो मेरी ही ओर एकटक देखता रहता ।मै भी उसे निराश नही करता , भागकर उसके पास चला जाता । एक दिन रात में अचानक चला गया । भगवान् ने उसे वापस बुला लिया ।ऐसा लगा... मेरी दुनिया उजड़ गई । बचपन का एक मूक साथी बिछड़ गया । जिंदगी के इस भाग दौड़ में वह हमेशा याद आता है ।
(दोस्त आज भी तुझे हर पल याद करता हूँ )

1 comment:

  1. मुझे याद आता है मार्क भाई डा.रूपेश श्रीवास्तव का पाला हुआ एक कौवों द्वारा जख्मी करा उल्लू का बच्चा जो एक लम्बे समय तक उनके साथ रहा, जिसका नाम उन्होंने रखा था "व्हिसिल"...जब उसकी देह छूटी तब डा.साहब को मैंने रोते देखा था...मैं भी रो दी थी उस सच्ची संवेदना के लिये।
    जय जय भड़ास

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