भाई पर्शांत यदि आप अपनी बात को विडियो बना कर यहाँ विडियो या ऑडियो ब्लोगिंग करोगे तो ज्यादा सार्थक रूप से कह पाओगे /
कोशिश करो
१) आतंकवादियो से साथ्गाथ करने वालो के ,
आतंकवादियों के समर्थकों का ,
नाम और पते आप साक्ष्य के साथ दे ,
मै आप को विश्वाश दिलाता हु की हम सभी दवारा उस पर तुंरत कानून समत कार्यवाही करवाई जायीगी
२) आप आधिकारिक रूप से हिन्दुओ की आवाज उठाने के लिए क्या कर रहे है वो भी विस्तार पूर्वक बताय,
सिर्फ़ इल्जाम ही न लगाय
३)क्या किसी को भी कोई कार्य करने से पहले आप से इजाजत लेन चाहये,
खेल मे भी आप अपनी राजनीती ले आए
४)हिंदू देश ?
- लोकतान्त्रिक देश को आप हिंदू देश कह रहे है ?
आप अद्यापक है या लल्लू ?
५)विश्व हिन्दु परिषद को अलकायदा सरीखा कोन मानता है ,
उस का कोई नाम पता है ?
एक बार एक मक्खी को कमरें में बन्द करदिया गया ,
और कहा गया कि तुम्हें १२ घंटेमें इसमें से बाहर निकलना है।
मक्खी बहुतही आशावादी व उत्साहित थी,
वह दूर से उड़तीहुई आती है
और दिवार से टकरा जाती है,
वहबार-बार ऐसा करती है हार नहीं मानती है
और अन्त में वीर गति को प्राप्त हो जाती है।
अब दूसरी मक्खी को यही कार्य दिया जाताहै,
वह पहले ६ घंटे सोचती है
फिर बगल मेंएक छेद देखती है और उससे निकल जातीहै।
केवल उत्साहित व आशावादी होने से कुछनहीं होता सफल होने के लिये आपके पासप्लान होना चाहिये।
शायद ये कही पढ़ा होगा आपने ,
याद करो ,
और अपने कार्यो मे उतारो ....................................
पोरी पोस्ट सुने यहाँ http://abcamit.blogspot.com/
धन्यवाद
याद दिलाने के लिये शुक्रिया कोशिस करूँगा
ReplyDeleteकमाल की बात है अमित भाई आपकी बात तो प्रशांत भाई ने विचार के योग्य भी मान ली है लेकिन अभी तक इन्होंने स्त्रियों को दी गयी गाली अपनी पोस्ट से हटायी नहीं है तो मुझे मजबूरन हटाना पड़ रहा है। यदि ये आपकी सलाह पर अमल करें तो सचमुच सफ़ल होंगे लेकिन ये न तो किसी को पढ़ते हैं न ही उसे समझने की कोशिश करते हैं यदि पढ़ा भी तो अपने ही ढंग से उसे स्वीकारते हैं जैसे कि इनकी "छिनाल" शब्द की अपनी निजी परिभाषा है....
ReplyDeleteजय जय भड़ास
अमित भाई ये प्रशांत जी एक टोटकेबाज आदमी ही निकले जो महज अपने ब्लाग की प्रसिद्धि के लिये इतना ढोंगधतूरा फैलाए रखे थे। एकदम कायर और डरपोक आदमी है जो खुल कर अपना पता देने में भी डरता है कि किस बिल से चूं चूं कर रहे हैं। अरे भाई! अगर साहस है तो जरा जस्टिस आनंद सिंह की तरह सामने आओ न.... ये क्या कि वैचारिक षंढ की तरह से लगे हैं अपना राग अलापने बिना किसी की बात का उत्तर दिये, चंदन भाई ने जो लिखा या अजय भाई ने जो लिखा वो इन्हें समझ में तो आता है लेकिन इनके पास तो प्रसिद्धि हासिल करने के लिये कोई मौलिकता तो है नहीं इसलिये जानबूझ कर अंधे होने का पाखंड रचा कर कभी मुस्लिमों को और कभी डा.रूपेश को गाली देते हैं।
ReplyDeleteजय जय भड़ास