शायद कोई कभी न कभी जनम लेगा
और एक निरीह प्राणी की जान को
भारतीय कानूनी उग्रवाद (legal terrarism ) से बचाय गा /
हा आप सभी किस सोच मे पड़ गए
ये प्राणी बहुतायत मे पाया जाता है /
इसे आप हर किसी
शहर,
गाव ,
मौहले,
मे देख सकते ,
पहचान सकते है
और उस की दयनीय हालत को देख कर मुस्कुरा सकते है /
पहचाना कोण है वो नही /
नही /
चलो मे ही बता देता हु
वो प्राणी इस लोक मे पति के नामसे जाना जाता है /
अरे आप की तो हसी छुट गई /
नही भाई हसो मत
इस प्राणी की हालत के बारे मे सोचो ।/
जो भुक्त भोगी है वो अश्रु न बहाए/
शायद कोई भगवन जरूर अवतार लेगे
अपने भक्तो को भारतीय संविधान के कानून --धारा 498a से बचाने के लिए /
जो दुनिया मे एक मात्र कानून है ,
जिसमे कोई तहकीकात नही सिर्फ़ और सिर्फ़ जेल है ,
जो एक झूटी कंप्लेंट पर तवरित करवाय करती है
और इस देश के पति नाम के प्राणी और
उस के सगे सम्बंदियो को तुरत भगवन कृषण की जनम स्थली के दर्शन करा देती है
मेरे मन की कड़वी भड़ास भारतीय कानून धारा 498a के लिए भड़ास पर
कानूनी उग्रवाद जैसा शब्द आपने प्रयोग करा, आपको जानकर प्रसन्नता होगी कि हमारे जस्टिस आनंद सिंह भी इसी से जूझ रहे हैं आप नीचे की पोस्ट पर इन की तस्वीर देख सकते हैं। धारदार लिखा है
ReplyDeleteजय जय भड़ास
बहुत खूब भैये,
ReplyDeleteबेहतरीन लिखा,
लगे रहिये.
जय जय भड़ास