मैं पिछले कुछ दिनों से देख रहा हूं कि कुछ लोग जो भड़ास में शामिल तो हुए हैं लेकिन अभी तक न तो उन्होंने कोई पोस्ट लिखी है न ही कोई टिप्पणी लिखी है यानि कि ये लोग लेखन-सक्रिय भड़ासी नहीं है। बहुत संभव है कि ये मात्र पाठक वर्ग से हों जो कि भड़ास पढ़ कर सदस्यता लेकर अपना नैतिक समर्थन भड़ास को देना चाहते हों। मुझे जो बात विचित्र लगी कि कुछ लोग जो कि मेरी नजर में आए हैं वो मुखौटाधारी संजय सेन के ब्लाग के भी सदस्य हैं और भड़ास के भी तो क्या ऐसे लोग ही होते हैं जो दो सर्वथा भिन्न विचारों से भी सहमति रखते हैं? दूसरी बात इन लोगों में मुझे जो अजीब लगी वो ये हैं कि ये लोग नाम भी बदल लेते हैं जैसे कि दो लोग तो मेरी नजर में हैं पहला है - व्योम तूफ़ान से तेज़ जो कि अब हो गया है व्योम श्रीवास्तव और दूसरी हैं कशिश(LLB) जो कि अब कशिश गोस्वामी हो गई हैं। कई कारण हो सकते हैं बहुत संभव है कि ये मात्र फ़र्जी आई.डी. हों। मैं निजी तौर पर माडरेटर्स से निवेदन करता हूं कि हमें भड़ास पर भड़ासी चाहिये भीड़ नहीं इसलिये यदि ये लोग अपने पते व संपर्क को स्पष्ट नहीं करते हैं तो आप लोग भी इन पर नजर रखें अन्यथा ऐसे लोग भड़ास में रह कर ही उसे बदनाम करने के लिये कुछ भी लिख सकते हैं। यदि मेरी बातों का इन्हें बुरा लगा हो तो मेहरबानी करके शंका का निवारण कर दें व अन्यथा न लें। अग्रिम क्षमा प्रार्थना सहित
जय जय भड़ास
जय जय भड़ास
देखिये अगर मेरी निष्क्रियता का सवाल है तो समय की कमी प्रमुख बजह नहीं है बात यह है में असली भड़ास मानकर चल रहा था लेकिन यह असली भड़ास नहीं है सो मैंने यहाँ अपनी उर्जा को लगाना उचित नहीं समझा और जहा तक मैंने इस मंच को जाना है तो यहाँ सब दिखावा है असलियत कुछ भी नहीं है यह एक ऐसे पान के टपरे की तरह है जहा गली दी जाती है और सदयस्ता ख़त्म करने की बात है तो कर दीजिये,मैन अपना पता देने की जरुरत भी नहीं समझता !
ReplyDeleteABE CHIRKUT ABHI BHI APNE KO SAHI SABIT KARNE PAR TULA HAI? TERI 5 AUR FARZI NAM AUR TASVIREIN HAMARE PAS HAI. APNI AADAT SUDHAR LE VARNA NA GHAR KA RAHEGA NA GHAT KA...
ReplyDeleteABE CHIRKUT ABHI BHI APNE KO SAHI SABIT KARNE PAR TULA HAI? TERI 5 AUR FARZI NAM AUR TASVIREIN HAMARE PAS HAI. APNI AADAT SUDHAR LE VARNA NA GHAR KA RAHEGA NA GHAT KA...
ReplyDeleteप्रिय व्योम(?)आप जो भी हों जब आपको पता है कि ये पान का टपरा है तो क्यों अपने आपको चूना लगवा कर अपना नाम यहां लगा रखा है जो आपके स्तर का पांच सितारा होटल हो आप वहां जाइये। लेकिन ये बता कर जाइयेगा कि क्या खुद अपना डैशबोर्ड खोल कर भड़ास से सदस्यता समाप्त करना नहीं आता जो आप हमें सदस्यता समाप्त करने को कह रहे हैं। खुद ही नाम हटा लीजिये जैसे जोड़ा था हम तो आपको अकारण हटाने से रहे भले ही आप फ़र्जी पहचान से हों या असली से क्या अपराध है आपका? लेकिन असल भड़ास में जरूर चले जाइये ताकि वहां आपको कुरान की आयतें और भगवद गीता के श्लोक सुनने को मिलते रहें यहां तो हम बनिये और मुखौटाधारियों की कस कर फाड़ते हैं हम बहुत बुरे से लोग हैं आप गुडी-गुडी करिये हमें बुरा बने रहने दीजिये। पता होने पर भी इतने समय से आप हैं इसके लिये हम सब पनवाड़ियों की तरफ़ से धन्यवाद स्वीकारिये। संजय बाबू! मनोज भाई की बात का बुरा मत मानिये जरा मजाकिया किस्म के हैं क्या आपके जीजा लगते हैं रिश्ते में जो आप लोग इतना मजाक करते हैं आपस में?
ReplyDeleteजय जय भड़ास
ओए कीड़े!तेरा पता है भी जो देगा फ़टीचर कहीं का साला दूसरों के फोटो नेट से उठा कर आई.डी. बना कर अपने आपको विद्वान जता रहा है। मनोज भाई आपने सही कहा है इस ढक्कन को ये नही पता कि भड़ास पर इसके पुरखों की जमात के लोग हैं जो दुनिया भर के ऐब करके अब सीधी जिंदगी जी रहे हैं ये भड़ासियों को सिखाएगा कि भड़ास क्या होती है साला चिरकुट बनिया.... अबे गोली बिस्कुट की दुकान लगा जो तेरी औकात है ब्लागिंग के जरिये औरतों का धंधा चला रहा है स्वीटी शुक्ला के नाम से... बेटा ! बाप को ये नहीं सिखाया जाता कि बच्चे कैसे पैदा होते हैं
ReplyDeleteजय जय भड़ास