मित्रों जरा गौर से इस क्लिप को देखें, शायद कुछ जन पहचाना सा लगे आपको, जोंनही लगा तो कोई बात नही प्रयास तो करो की आखिर इसमें ऐसा क्या है जो हमारे देश का जन पहचाना सा आइना है।
नही पहचाना ,
कोई बात नही मैं हूँ न बताने को,
हमारे देश के राजनेता जब जब पकड़ में आते हैं, कानून की कैसी भी कड़ी में इन्हें जकड दो अपने इस भाई की तरह फिसल कर निकल ही जाते हैं,
ताज काण्ड के बाद मायावती, चारा काण्ड के बाद लालू, तेलगी काण्ड के बाद भुजबल...........
अनगिनत हैं और सभी के सभी अपने इस बिरादरी से सीख कर पारंगत हुए की कानून की जंजीर से कैसे बाहर आया जाता है।
प्रभु! ये क्लिप मुझे दिख क्यों नहीं रही है का आंखों की रोशनी जाती रही है??? हे भगवान मैं अंधा हो गया....चलो दुनिया की बुराइयां देखने से बचूंगा :)
ReplyDeleteजय जय भड़ास
हे भगवान ई का हुई रहा है कम्पूटर तो औन करा नहीं तो किलिपिया कईसन दिखी:) अब ठीक है आंखन की रोसनी बापस आय गई:)
ReplyDeletesir ye cliping bahut kuchh bayan kar rahi hai.. jai bhadas
ReplyDeleteछी छी छिछ्छी कितना पिलपिला है क्या सचमुच हमारे नेताओं को भी रीढ़ की हड्डी नहीं होती है जो आत्मसम्मान का प्रतीक मानी जाती है???
ReplyDeleteजय जय भड़ास
वाह रजनीश भाई,
ReplyDeleteनेताओं को क्या सटीक उदाहरण दिया है, बिना रीढ़ की हड्डी के और क़ानून की सुक्ष्तम छिद्र से अपना रास्ता बनने वाला हमारा नेता सिर्फ़ इतना ही नही इस आक्टोपस की भांती आठ हाथों वाला भी है जो अपने विभिन्न हाथों से हमारे देश का सबकुछ बेच देने पर तुला हुआ है.
जय जय भड़ास
सभी भडासी भाइयों,
ReplyDeleteओक्क्टोपस से बेहतर उपनाम हमारे नेताओं का नही हो सकता. सो बस नेता के पूर्वज के सामने उपस्थित हो गया, आभार आप सबका और एक भडासी आवाज की प्रण लें हमारे देश के ऐसे ओक्टोपसों के सारे हाथ हम काट देंगे जो हमारे देश को लूट रहे हैं, हमारी अश्मिता से खेल रहे हैं.
जय जय भड़ास