हम सब नववर्ष को बड़ी ही धूमधाम से मनाते हैं यह भूल जाते हैं कि हमने क्या क्या खोया है। जनमानस को झकझोर देने वाले मुंबई व अन्य शहरों के आतंकी हमले हों या नैना देवी और चामुंडा मंदिरों में हुई दुर्घटनाएं, कोसी की विकराल बाढ़ से उमड़ी तबाही हो या अर्थव्यवस्था की मंदी से उपजी आशंकाए, २००८ में कई कीमती जानें गंवाने का दंश और सब हालात को भूल कर आज खूब शराब पी कर नाचते गाते झूमते हम सब भूल जाएं क्योंकि हम जानते हैं मन के किसी कोने में कि ये आज भर की मस्ती है कल से तो फिर वही होना है हर पल किसी आतंकी की गोली का डर तो फिर मनाइए नववर्ष और स्वीकारिये मेरी शुभकामनाएं जिनमें असर है या नहीं मुझे नहीं पता पर स्वीकार लीजिये...
जय जय भड़ास
APAKI SUBHAKAMANA SAHARSH SWEEKAR HAI..HAMARI BHI SUBHKAMANA SWEEKAR KIJIYE. NAVVARSHA MANGALMAY HO..
ReplyDeleteमुबारकां लख लख मुबारकां त्वानू....
ReplyDeleteतुम्हाला नुतन वर्षाची हार्दिक शुभेच्छा ही वर्ष भरभराटीने जाऊ द्या....
हैप्पी न्यू ईयर....
कृष्णा जी,
ReplyDeleteबस ढोल का पोल है, ना ही नव वर्ष है और ना ही शुभकामना का दिन. दिन है वायदे करने का क्यौंकी कल से सारे वायदे तोरने जो हैं, दिन है पीने पिलाने का मस्ती करने का क्यौंकी पीने वालों को पीने का बहाना चाहिए. वापस कल से अपने पुराने ढर्रे के साथ पुराने दिनों में लौट आयेंगे.
सब बकवास है.
जय जय भड़ास