म्हाडा के मुंबई द्वारा बनाए गये घरों के आवंटन में विभिन्न राजनैतिक दलों के नेताओं ने झूठे शपथपत्र दाखिल करके कि मुंबई में उनके पास घर नही है इन अत्यंत सस्ते घरों को हड़प लिया है। साफ़ सी बात है कि ये सारे घर गरीबों के लिये बनाए जाते हैं। मुख्य बात ये है कि दो दिन ये बात मीडिया(जिनसे उन नेताओं की गठजोड़ न हो पायी) दो-चार दिन चिल्ल-पौं करेगा जब मुंह भर कर रकम मिल जाएगी तो चुप्पी साध लेगा। अगर पैसा न मिले तो इसी मुद्दे पर जनता में जाकर सर्वेक्षण कराया जाएगा, हॉट सीट , सीधी बात , जनता की अदालत जैसे कार्यक्रम करे जाएंगे वरना चुप्प्प्प्प्प्प................। ये चुप्पी मुंह में भर दी गयी रकम के प्रभाव से आ जाती है।
दूसरी बात कि मुंबई में टट्टी से लेकर पेशाब तक के मुद्दों पर चिल्ला-पुकार करने वाले मुंबई के दो स्वयंभू दल शिवसेना और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष बाल ठाकरे और राज ठाकरे इस मुद्दे पर चूँ तक नही करते हैं मैं इस खुले मंच पर इन दोनो नेताओं को ललकार रहा हूँ कि क्यों नहीं अपने कार्यकर्ताओं को ले जा कर ऐसे नेताओं के घर के सामने धरना प्रदर्शन करते और अपना बयान देते?????
इनकी चुप्पी बताएगी कि ये कितने बड़े मौकापरस्त और वैचारिक षंढ हैं।
जय जय भड़ास
इतनी हिम्मत कहां है जी इनमें।
ReplyDeleteइनके चमचों ने भी तो हथियायें होंगें।
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