क्रिकेट की पिच पर अपने बल्ले से गेंदों को आसमान दिखाने वाले दिग्गज सितारे सचिन तेंदुलकर को वायु सेना अपने विंग कमांडर की मानद रैंक से सुशोभित करने की तैयारी कर रही है।
वायु सेना के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि सचिन को विंग कमांडर का रैंक देने के लिए औपचारिकताएं पूरी करने की पहल जा रही है और रक्षा मंत्रालय से अनुमति लेने के लिए कि फाइल भेजी गई है।
हालांकि आधिकारिक रूप से इस संबंध में कोई पुष्टि नहीं की जा रही है। मंत्रालय की स्वीकृति मिले बिना कोई भी अधिकारी इस बारे में कुछ भी कहने को तैयार नहीं है। सूत्रों ने कहा कि मामला देश के बड़े सितारे से जुड़ा है और इस संबंध में कोई भी औपचारिक घोषणा मंत्रालय की मंजूरी और विभूषित होनी वाली हस्ती की सहमति के नहीं हो सकती।
सूत्रों ने कहा कि पिछले कुछ समय से सचिन को वायु सेना की मानद रैंक देने पर विचार चल रहा था। इस बात पर भी फैसला होना था कि उन्हें स्क्वेड्रन लीडर बनाया जाए या विंग कमांडर। सचिन की उम्र और क्रिकेट जीवन को देखते हुए यह उचित और स्वाभाविक लगा कि उन्हें विंग कमांडर की रैंक दी जाए। वायु सेना में स्क्वेड्रन लीडर आठ नौ साल की नौकरी के बाद बन जाते हैं जबकि सचिन करीब दो दशक से क्रिकेट के मैदान में हैं।
वायु सेना इससे पहले भी देश की नामी हस्तियों को अपनी मानद रैंक से अलंकृत करती रही हैं। जाम नगर के नवाब जाम साहब को वायु सेना ने अपनी रैंक से नवाजा था। उद्योगपति विजयपत सिंघानिया को तो एयर कमोडोर की मानद रैंक भी दी गई थी।
अगर सचिन को विंग कमांडर की मानद उपाधि प्रदान की जाती है तो वह देश के पहले क्रिकेटर होंगे जो वायु सेना की रैंक हासिल करेंगे।
वायु सेना के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि सचिन को विंग कमांडर का रैंक देने के लिए औपचारिकताएं पूरी करने की पहल जा रही है और रक्षा मंत्रालय से अनुमति लेने के लिए कि फाइल भेजी गई है।
हालांकि आधिकारिक रूप से इस संबंध में कोई पुष्टि नहीं की जा रही है। मंत्रालय की स्वीकृति मिले बिना कोई भी अधिकारी इस बारे में कुछ भी कहने को तैयार नहीं है। सूत्रों ने कहा कि मामला देश के बड़े सितारे से जुड़ा है और इस संबंध में कोई भी औपचारिक घोषणा मंत्रालय की मंजूरी और विभूषित होनी वाली हस्ती की सहमति के नहीं हो सकती।
सूत्रों ने कहा कि पिछले कुछ समय से सचिन को वायु सेना की मानद रैंक देने पर विचार चल रहा था। इस बात पर भी फैसला होना था कि उन्हें स्क्वेड्रन लीडर बनाया जाए या विंग कमांडर। सचिन की उम्र और क्रिकेट जीवन को देखते हुए यह उचित और स्वाभाविक लगा कि उन्हें विंग कमांडर की रैंक दी जाए। वायु सेना में स्क्वेड्रन लीडर आठ नौ साल की नौकरी के बाद बन जाते हैं जबकि सचिन करीब दो दशक से क्रिकेट के मैदान में हैं।
वायु सेना इससे पहले भी देश की नामी हस्तियों को अपनी मानद रैंक से अलंकृत करती रही हैं। जाम नगर के नवाब जाम साहब को वायु सेना ने अपनी रैंक से नवाजा था। उद्योगपति विजयपत सिंघानिया को तो एयर कमोडोर की मानद रैंक भी दी गई थी।
अगर सचिन को विंग कमांडर की मानद उपाधि प्रदान की जाती है तो वह देश के पहले क्रिकेटर होंगे जो वायु सेना की रैंक हासिल करेंगे।
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