सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के. जी. बालकृष्णनन की खंडपीठ वाली बेंच ने कहा कि दोनों भाई आपस में बातचीत करके समस्या का समाधान निकालें।
जज ने कहा कि 6 हफ्ते के अंदर दोनों भाई बातचीत करके खुद समस्या को सुलझाएं। पहले ऐसा माना जा रहा था कि किसी एक भाई के पक्ष में फैसला आ सकता है।
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट अनिल अंबानी के मुकेश अंबानी नियंत्रित केजी बेसिन गैस में हिस्सेदारी के दावे पर फैसला बताएगी। मुख्य न्यायधीश के. जी बालकृष्णन की अध्यक्षता में तीन जजों की खंडपीठ इस मामले में दो फैसले सुनाएगी। इस फैसले का असर न सिर्फ मुकेश और अनिल अंबानी बल्कि देश की कई बड़ी गैस कंपनियों पर भी पड़ेगा।
गौरतलब है कि कृष्णा गोदावरी बेसिन में डी 6 ब्लॉक से गैस आपूर्ति को लेकर छिड़े इस विवाद में मुख्य न्यायाधीश के जी बालकृष्णन की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने 26 दिन तक चली सुनवाई के बाद 18 दिसंबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। सबसे बड़ी बात इस मामले की सुनवाई कर रहे मुख्य न्यायाधीश के. जी. बालकृष्णनन 11 मई को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। अंबानी बंधुओं के बीच विवाद का असर आज सुबह से ही शेयर मार्केट में काफी गिरवाट देखी गई। शेयर बाजार जब सुबह खुला तो सेंसेक्स में लगभग 250 की गिरावट दर्ज की गई, जबकि निफ्टी में भी गिरावट देखी गई।
अंबानी परिवार में बंटवारे के समय हुए समझौते के आधार पर अनिल अंबानी की कंपनी को के जी बेसिन के डी 6 क्षेत्र से गैस की आपूर्ति की जानी थी। आरएनआरएल इस गैस क्षेत्र से होने वाले उत्पादन में से रोजाना 2.8 करोड़ घन मीटर गैस पर 2.34 डॉलर प्रति इकाई की दर से दावा कर रही है जबकि आरआईएल का कहना है कि वह सरकार द्वारा तय की गई 4.2 डॉलर प्रति इकाई के हिसाब से ही गैस की आपूर्ति करेगी।
बंटवारे के समय यह तय हुआ था कि मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज अनिल अंबानी की कंपनी को 17 साल तक प्रतिदिन 2.8 करोड़ घन मीटर गैस सरकारी मूल्य से 44 प्रतिशत कम पर मुहैया कराएगी।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा आज सुनाए जाने वाले फैसले यह तो यह माना जा रहा है कि भविष्य में गैस के मूल्य निर्धारण का आधार भी तय हो सकेगा और साथ ही ये भी सुनिश्चित हो जाएगा कि गैस की बिक्री से करोड़ों डॉलर कमाने वाली मुकेश अंबानी की कंपनी को फायदा होता है या फिर नुकसान।
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