मनु शर्मा को उम्र कैद निश्चित !!





पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा के पुत्र मनु शर्मा को 1999 के जेसिका लाल हत्याकांड में दोषी करार दिए जाने और उम्रकैद की सजा को सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बरकरार रखा। न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार और न्यायमूर्ति पी सदाशिवम की एक पीठ ने दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष ने अपराध के समय मनु शर्मा की उपस्थिति को साबित कर दिया है। इस पर संदेह नहीं किया जा सकता। शीर्ष न्यायालय ने उत्तर प्रदेश के विवादास्पद नेता डीपी यादव के बेटे विकास यादव और एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में अधिकारी अमरजीत गिल की दोषसिद्धि और उन्हें सुनाई गई चार वर्ष की जेल की सजा को भी बरकरार रखा। उन्हें साक्ष्य नष्ट करने का दोषी करार दिया गया था।


पीठ ने कहा कि दिल्ली हाई कोर्ट ने निचली अदालत द्वारा बरी किए जाने के फैसले को पलटने के लिए पर्याप्त और अकाटय तर्क दिये थे। फैसला सुनाते वक्त पीठ ने कहा कि अभियुक्त की उपस्थिति को अभियोजन पक्ष ने चश्मदीद गवाहों के साक्ष्य से साबित किया है।

पीठ ने कहा कि अपराध के बाद मनु शर्मा का जो आचरण था उससे अपराध साबित होता है और इस पर संदेह नहीं किया जा सकता। अपराध को अंजाम देने में मनु शर्मा द्वारा उपयोग में लाई गई टाटा सफारी को नोएडा से बरामद कर अभियोजन पक्ष ने साक्ष्य साबित कर दिया था।

पीठ ने ढाई सौ पन्नों के आदेश में कहा उसके दोष के बारे में इसे एक संकेत के रूप में लिया जा सकता है क्योंकि आरोपी ने अपने वाहन के चोरी जाने की प्राथमिकी तक दर्ज नहीं कराई थी। शीर्ष न्यायालय ने कहा कि हाई कोर्ट ने सही तरीके से दोष सिद्ध किया है और यादव तथा गिल को साक्ष्य नष्ट करने के लिए चार वर्षों की जेल की सजा दी है।

अभियोजन पक्ष पर निचली अदालत द्वारा की गई प्रतिकूल टिप्पणियों को न्यायालय ने काट दिया। पीठ ने निचली अदालत द्वारा आरोपियों को बरी किए जाने के फैसले को हाई कोर्ट द्वारा रद्द किए जाने को भी सही ठहराया।

पीठ ने कहा कि अपराध में कथित तौर पर अभियुक्त द्वारा प्रयुक्त पिस्तौल का बरामद न होना और उसका टालमटोल का रवैया अपराध के कोण की ओर संकेत करता है।

हाई कोर्ट के समक्ष मामले के लंबित होने के दौरान इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया दोनों द्वारा इस बारे में खबरों को प्रसारित-प्रकाशित करने के लिए न्यायालय ने हालांकि उनकी आलोचना की लेकिन साथ ही यह भी कहा कि इसके बावजूद आरोपियों के प्रति कोई पक्षपात नहीं हुआ।

18 दिसंबर 2006 को हाई कोर्ट ने शर्मा और अन्य आरोपियों को बरी किये जाने के निचली अदालत के फैसले को खारिज कर दिया था। निचली अदालत ने 21 फरवरी 2006 को अपना फैसला सुनाया था।
मृतक की बहन सबरीना लाल ने इस मामले के लिए मुहिम चला रखी है। 29 अप्रैल 1999 की रात को जेसिका लाल की हत्या कर दी गई थी। सबरीना ने फैसले पर अप्रसन्नता व्यक्त की थी।

सबरीना ने अदालत के बाहर कहा कि इस प्रकरण से अंतिम पर्दा गिर गया है। मुझे इससे बहुत राहत और संतुष्टि मिली है। मैं खुश हूं। मनु शर्मा ने दलील दी थी कि वह निर्दोष है और उसे मामले में फंसाया गया है। शीर्ष न्यायालय ने यह दलील खारिज कर दी।

दिल्ली पुलिस ने कहा था कि जेसिका लाल की टैमरिंड कोर्ट कैफे रेस्त्रां में मनु शर्मा ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस रेस्त्रां की मालकिन बीना रमानी है। दक्षिणी दिल्ली के कुतुब कोलोनेड में बीना ने अपने कनाडाई पति जार्ज मेलहाट के लिए पार्टी आयोजित की थी।

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