थरूर-मोदी विवाद, मीडिया बना मुनाफाखोरी का दलाल !

आई पी एल नामक क्रिकेट का चकला और इस चकले का मुखिया ललित मोदी एक बार फिर से गवाह बना कि किस तरह हमारे देश में मुनाफाखोरो और दलालों ने आम लोगों के भावनाओं पर कब्जा कर रखा है. जिस भारतीय क्रिकेट को देश के लोग पूजते हैं उसे बेचने का ठेका लेने वाले ललित मोदी ने क्रिकेट के दलाली में देश को हाशिये पर रख दिया और मोदी के सुर में सुर मिला कर भारतीय मीडिया अपने मुनाफे का बाजार देखती रही.


मोदी के इस कुचक्र का शिकार बना देश का विदेश राज्य मंत्री, जी हाँ मैं बात कर रहा हूँ शशि थरूर की. शशि थरूर जिनके कद के आगे मोदी तो क्या मीडिया के बड़े बड़े सिद्धस्त भी बौने नजर आते हैं को इन दलालों के साजिश में जाना पड़ा और नुक्सान देश को उठाना पड़ेगा.


आज जब देश को योग्य और काबिल युवा तुर्क की जरुरत है तो अपने ज़माने के निकम्मे और गैर जिम्मेदार आडवानी से लेकर दो टके की पत्रकारिता से बड़े मीडिया हॉउस के मालिक बनने वाले पत्रकार तक को इस पर ऐतराज होने लगा. दलाली के इस बाजार में हमने एक योग्य मंत्री गवाया, इस बाजार ने संभावित विश्व कप क्रिकेट के बावजूद रूपये कि चकाचोंघ पर क्रिकेट को हाशिये पर धकेला.


आई पी एल ने बहुत पैसे बनाये, कहीं ग्लैमर तो कहीं मीडिया सभी ने जम कर आम लोगों को लूटा, चाहे देश कि प्रतिष्ठा जाए भाड़ में, मंत्री से लेकर पदाधिकारी और मीडिया तक सब के सब क्रिकेट के इस बाजार में अपनी अपनी दलाली को साधते रहे.


नुक्सान किसका?
ललित मोदी और क्रिकेट के इस स्वरुप और मीडिया के रूख को देखते हुए ऐसा ना हो कि......


भारतीय क्रिकेट बोर्ड के साथ साथ मीडिया पर भी भारत सरकार नकेल कसे.

3 comments:

Kusum Thakur said...

मीडिया पर तो नकेल कसने की जरूरत अब लग ही रही है.

Nitikasha. said...

Deshhit ka dhyaan to sarvopari hona chahiye...

jayanti jain said...

this sacrifice will open many things

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