अरे यार तुमको पता है कि वो शशि थरूर है उसने क्रिकेट के कारण मुसीबत मोल ले ली थी साले को इस्तीफ़ा देना पड़ा.... अबे ढक्कन! शशि थरूर नहीं शशि कपूर है और वो क्रिकेट नहीं खेलता वो तो फिल्मों में हीरो था अब उसे उसे तो जमाना हो गया इस्तीफ़ा दिये हुए। अरे यार! तुम तो कुछ जानते ही नहीं ये कपूर नहीं है थरूर है जो कि मंत्री था तुम हो कि फ़िल्म वाला कपूर समझ रहे हो....... बड़...बड़.... बड़.... थरूर....ललित मोदी... ट्विटर....आई पी एल..... पुष्कर बाई.... सत्तर करोड़.....क्रिकेट.... क्रिकेट......
अच्छा हो गया न चल टी वी पर मैच देखते हैं, भाड़ में जाएं ये सब अपने को क्या.....। आम भारतीय की रोजाना की पान की दुकान, चाय और वड़ा-पाव के ठेले पर चर्चा। मेरा भारत महान..... संसार का सबसे बड़ा लोकतंत्र और उसमें रहने वाले महान मेरे भारतीय बिरादरान.....।
जय जय भड़ास
सत्य वचन गुरुदेव!!!
ReplyDeleteआप तो भारत के आम आदमी को बड़ी नजदीक से जानने समझने लगे हैं:)
जय जय भड़ास
बहुत खूब गुरुदेव,
ReplyDeleteएकदम सही भड़ास कह डाली आपने
जय जय भड़ास
भाईसाहब आपने एकदम सत्य लिखा है ये साला चूतियों और महाचूतियों का देश है। हम चूतिया हैं और बाकी महाचूतिये क्योंकि हम अभी भी ये उम्मीद रखते हैं कि ये साले देश में मँहगाई,बेकारी और अशिक्षा जैसी बुनियादी समस्याओं से उपजे आतंकवाद आदि के बारे में गम्भीरता से विचार करेंगे इनके लिये तो माओवादियों का मरना और पुलिस के जवानों का मर जाना भी बस एक खेल ही है जिसे मीडिया दिखाता है और ये चटपटी खबर की तरह उसे एक दिन चर्चा में रखते हैं और फिर क्रिकेट,धर्म,लौंडिया,सिनेमा आदि की बकैती में उलझ जाते हैं
ReplyDeleteजय जय भड़ास
सही कहा भाईसाहब आपने पूरी तरह से सहमति है। ये साले चूतिया हैं और इनके पुरखे भी चूतिया थे तभी तो आपस में लड़ते रहते थे और बाहरी आक्रांता आकर इन्हें पेल कर चले जाते थे। ये उन्हीं चूतियों की संततियाँ हैं जो जरा भी नहीं बदली हैं
ReplyDeleteजय जय भड़ास