दोहे और उक्तियाँ !!

ईश्वर

नित्य सुख और परम शान्ति, ईश्वर-प्राप्ति से ही प्राप्त की जा सकती है। 

यही कारण है कि विचारवान, बुद्धिमान साधक ईश्वर-प्राप्ति की चेष्टा करते हैं। 

ईश्वर की प्राप्ति हो जाने पर जन्म-मरण का चक्कर तथा उसके सहकारी दुःखों 

का नाश हो जाता है। पाঁचों इन्द्रियाঁ मनुष्य को हर दम भ्रमित करती रहती हैं। 

अपनी आঁखें खोलो। 

विवेक-बिद्धि से काम लो। 

ईश्वर के रहस्यों को समझो। 

भगवान् की सर्वव्यापकता की अनुभूति करो।

उसकी निकटता काअनुभव करो। 

वह आपकी हृदय-गुहा में सर्वदा विराजमान है।

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