ताजमहल और तेजो महालय

ताजमहल और तेजो महालय क्या चकर है भाई ,
क्यों नहीं हमारी सरकार इस बात को साफ़ करती ,
प्रो. पी. एन. ओक के अनुसंधान को ग़लत या सिद्ध करने का केवल एक ही रास्ता है कि वर्तमान केन्द्र सरकार बंद कमरों को संयुक्त राष्ट्र के पर्यवेक्षण में खुलवाए, 
और अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों को छानबीन करने दे ....,
शायद ये करने से किसी समुदाय विशेष के भडकने का डर है,
भडासी लोग सब कहा गए , 
आप सभी की पर्तिकिर्या का इंतजार है 

6 comments:

अनोप मंडल said...

दुष्ट राक्षस! तुझे लगता है कि भड़ासी सो रहे हैं,ये तुम राक्षस ही हो जो कि लोगों की भावनाओं को भड़का कर दंगे फसाद करवाते हो। समुदायों को आपस में लड़वाते हो और खुद कफ़न और अंतिम संस्कार के सामान की दुकान लगा कर बैठ जाते हो। हो सकता है प्रोफ़ेसर ओक भी तुम्हारा ही पिट्ठू हो जो कि मुर्दे उखाड़ कर दुर्गंध फैला रहा है
जय नकलंक देव
जय जय भड़ास

Suman said...

समुदायों को आपस में लड़वाते हो और खुद कफ़न और अंतिम संस्कार के सामान की दुकान लगा कर बैठ जाते हो। हो सकता है प्रोफ़ेसर ओक भी तुम्हारा ही पिट्ठू हो जो कि मुर्दे उखाड़ कर दुर्गंध फैला रहा हैnice

अमित जैन (जोक्पीडिया ) said...

Tuesday, February 16, 2010
ताजमहल ........एक छुपा हुआ सत्य

भाद्श पर ही किसी अनजान गुमनाम नाम से पर्काशित हुआ है , जब कहा चले गए थे , अबे चूतिये अनूप मंडल तेरा वजूद सिर्फ जैन धर्म का विरोध करने तक ही सिमित है तू और तेरा अनूप्दास स्वामी दुनिया के सबसे बड़े चूतिये है , अबे जब भी मेरा कोई चुटकला भी आता है तो तुम्हारे पिछवाड़े में आग लग जाती है वैसे तुम्हारे पास कोई काम नहीं , अब (चूतिया ) को ले कर शोर मचा बच्चे .........:)

हिज(ड़ा) हाईनेस मनीषा said...

अमित भाई क्या अनूप मंडल से सहमति जताने वाले वकील साहब को भी चूतिया कहने का साहस है? भड़ास पर सब अपने विचार लोकतांत्रिक तरीके से रख रहे हैं तर्क,वाद,बह्स आदि के लिए मंच खुला है एक दूसरे को खूब गालियाँ दीजिये लेकिन उनमें सार्थक विचार हो न कि सिर्फ़ गालियाँ...
जय जय भड़ास

अमित जैन (जोक्पीडिया ) said...

मनीषा जी आपने बिलकुल सही कहा की सभी को अपने अपने विचार लोकतान्त्रिक तरीके से रखने का अधिकार है , किर्पया इन बातों पर भी गौर फरमाए
१)दुष्ट राक्षस! - ये सम्भोधन बार बार अनूप मंडल मेरे लिए पर्योग कर राह है ,क्या इस बात का कोई मतलब है
२)ये तुम राक्षस ही हो जो कि लोगों की भावनाओं को भड़का कर दंगे फसाद करवाते हो- बिना किसी सबूत के आप ये बात कह रहे हो , अब मई आप से पूछता हू क्या किसी एक व्यक्ति के द्वारा किया गया कार्य उस पूरी जाती के उपर डाल देना कहाए , यादी आप इस से सहमत है तो ओसामा बिन लादेन ने जो किया है उस के कसूर वर सारा मुस्लिम समाज है
३) स्सिर्फ़ लिखने की कला से किसी भी अनार्गल बात को लिखना ,कोई ठोश सबूत नहीं ४) देल्ही में जो कुतुबमीनार है , वह जो खम्बे लगे हुए है वो ११०० इस्वी में कुतुब्दीन ने जैन मंदिरों को ध्वस्त कारवा कर उन को यहा लगवाया था , क्या जब भी जैन लोगो ने ये सब करवाया , और ये बात मैं पूर्ण रूप से साक्ष्यों पर आधारित कह रहा हू , आप उन खाम्भी पर से मुर्तिया खुर्ची हुई देख सकते है , और सरकार द्वारा लगाया गया अभिलेख पढ़ सकते है , यदि फिर भी भरोषा न हो तो मैं आप को वो यहो अगली पोस्ट में दिखा दूगा , रही बात वकील साब को गली देने की , किसी का समर्थ करना उस के विचारों से परभावित होने के बाद होता है , शायद असलियत जानने के बाद वकील साहब ही नहीं आप सभी भी सही का ही समार्थान करेगे

Anonymous said...

gade murde ukhadnesehi sacchai samane ayegi,hindurashtra me hinduonke bhawnaonka apaman ho raha hai,anhe ansaf malanahi chahiye, shivji ka astitva samane anahi chahiye....jai bhole

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