पुलिस सूत्रों ने कहा कि पिछले 15 से अधिक महीने से फरार रहे और अब गिरफ्त में आए शहजाद को महाराष्ट्र लाया जा सकता है ताकि गत 13 फरवरी को पुणे में हुए विस्फोट में उसकी कथित संलिप्तता और इंडियन मुजाहिद्दीन के साथ उसके कथित रिश्तों की जांच की जा सके। दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा ने आरोपी को आज अदालत में पेश किया। उसकी 12 दिन की पुलिस रिमांड अवधि आज खत्म होने जा रही थी।
मुख्य मेट्रोपालिटन मजिस्ट्रेट कावेरी बावेजा ने दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा को उत्तर प्रदेश से एक फरवरी को गिरफ्तार शहजाद को 25 फरवरी तक हिरासत में रखने की अनुमति प्रदान कर दी। लोक अभियोजक राजीव मोहन ने आरोपी को दस दिन की रिमांड पर सौंपे जाने को कहा। मोहन ने यह अनुरोध इस आधार पर किया कि शहजाद के पास से आजमगढ़ में दो मोबाइल फोन और एक लैपटाप बरामद किया गया था और इस संबंध में उससे पूछताछ की जरूरत है।
मोहन ने कहा कि शहजाद से आईएम के 14 संदिग्ध सदस्यों और राष्ट्रीय राजधानी में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों में उसकी कथित संलिप्तता के बारे में भी पूछताछ करने की जरूरत है। पुलिस ने कहा कि शहजाद आईएम के एक अन्य कार्यकर्ता जुनैद के साथ 19 अक्तूबर, 2008 को दक्षिणी दिल्ली के बटला हाउस में विशेष शाखा के अधिकारियों के साथ हुई मुठभेड़ के दौरान भाग निकला था। इस मुठभेड़ पुलिस इंस्पेक्टर एमसी शर्मा शहीद हुए थे।
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