जब नही रहेंगी लड़कियां
नज़र आएगा ये नज़ारा!
समलैंगिक रिश्ते ही बन पाएंगे,
लड़के-लड़कों के साथ वैलंटाइन डे मनाएंगे!
भ्रूण हत्या करने की ज़रूरत नहीं रहेगी,
ना ही कोई बेटी सतायी जाएगी,
ना ही कोई बहू जलायी जाएगी!
कन्यादान की प्रथा समाप्त हो जाएगी,
बेटों के दान की प्रथा शुरू की जाएगी,
लड़के को भी खाना बनाना और सिलाई सिखाई जाएगी।
बहू को जलाने के,
दहेज को लेकर सताने के ,
मुक़दमे नही किए जाएंगे!
जब नहीं रहेंगी लड़कियां
तब ज़िंदगी बेरंग हो जाएगी
तब लड़कियों की अहमियत समझ में आएगी!
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