कैपिटेशन फीस लेने पर सज़ा !!

शैक्षणिक संस्थाओं में कदाचार पर लगाम लगाने से संबंधित विधेयक को मंत्रियों के समूह की मंजूरी मिल गई है। इसके बाद अब कैपिटेशन फीस वसूलने वाले या वायदा पूरा नहीं करने पर जेल की सजा हो सकती है।

इस कानून के तहत शैक्षणिक संस्थाओं के प्रशासकों को दोषी पाये जाने पर तीन वर्ष के कारावास या 50 लाख रुपये तक अर्थ दंड की सजा दी जा सकती है।

कृषि मंत्री शरद पवार के नेतृत्व वाले मंत्रियों के समूह ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय के उस विधेयक को हरी झंडी दे दी जिसमें शैक्षिक कदाचार में संलिप्त संस्थाओं और उसके प्रशासकों के लिए कड़े दंड दिये जाने की बात कही गई है।

शैक्षणिक संस्थाओं में कदाचार पर नियंत्रण से संबंधित विधेयक में अपराध की प्रकृति को ध्यान में रखते हुए ऐसे काम के लिए फौजदारी या दीवानी अपराध के तहत मामला चलाने का उल्लेख किया गया है।

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