इस सवाल का उत्तर दीजिये और बन जाइये भड़ास प्रतियोगिता के सफल विजेता, इनाम में मिलेगा आपको आत्मसम्मान और कुछ समय तक और जिंदा रहने का आश्वासन.........
अजमल आमिर कसाब कौन है?
१) महाराष्ट्र उर्दू साहित्य अकादमी द्वारा सम्मानित शायर
२) हिन्दी फिल्म "थ्री ईडियट्स" के अभिनेता
३) भक्ति रस की काव्य परंपरा में कवि रहीम के शागिर्द
४) १८५७ की पहली भारतीय क्रान्ति के एक शहीद
क्या आपको अब तक याद है कि अजमल कसाब कौन है? याद है तो कमाल की याददाश्त है भाई। एक बार फिर से प्रयास करा जा रहा है कि विधिक कार्यवाही का लालीपाप आप लोगों को चूसने के लिये दिया जाए। ये बताया जाए कि देखो कानूनी कार्यवाही का एक तरीका होता है प्रक्रिया चरणबद्ध ढंग से आगे बढ़ती है ऐसे ही किसी को पकड़ कर सजा नहीं दे दी जाती। हमारी अनोखी अनूठी न्यायप्रणाली की गति व प्रक्रिया पूरी दुनिया के सामने है जो कि बताती है कि यदि आप बड़े से बड़ा जुर्म(बड़ा ही करना छोटा करा तो कोई सिर पर हाथ नहीं रखता है) करके भी सौ-पचास साल सरकारी खर्चे पर जीना चाहें तो आप मजे से रह सकते हैं। आपके पास यदि रहने को घर नहीं है, खाने की व्यवस्था नहीं है और पहनने को कपड़े नहीं हैं, रोजगार नहीं है तो बस एक बड़ा मोटा सा अपराध जैसे कि संसद पर हमला या दो-चार सौ लोगों की हत्या कर दीजिये बस भारत सरकार आपको अपना दामाद बना लेगी और आपकी सुरक्षा से लेकर रिहाइश तक का पूरी मुस्तैदी से प्रबंध करेगी। कसाब रोजाना बकवास कर रहा है और हमारे जज महोदय प्रक्रिया से बंधे होने के कारण उसकी हरामीपन से भरी काइंया बातें झेल रहे हैं।
असल में हम क्रूर नहीं है, जल्लाद नहीं है वरना अगर यही किसी दूसरे देश में होता तो वहां इसकी कब की बोटी-बोटी करके कुत्तों को खिला दी गयी होतीं। हम तो इतने बड़े चूतियापे की दरियादिली से बंधे हैं कि जो मरे हुए आतंकी हैं उनके मुर्दों पर भी लाखों रुपए खर्च कर के सहेजे हैं कि जब पाकिस्तान उन्हें स्वीकारेगा तब हम उन्हें ससम्मान वापिस करेंगे आखिर शत्रु के शव का सम्मान करना हमारी परम्परा है।
जय जय भड़ास
वाह क्या भडास निकाली है.बहुत बढिया.
ReplyDeleteबेहतरीन गुरुवर,
ReplyDeleteमगर हमारे देश के मृत संविधान और इसके कर्ता धर्ता की मोटी चमड़ी पर इसका असर होगा उम्मीद कम ही है.
जय जय भड़ास