लो क सं घ र्ष !: ठाकरे का नया फ़तवा

शिवसेना के बाल ठाकरे ने घोषणा की है कि महाराष्ट्र की धरती पर ऑस्ट्रेलिया की क्रिकेट की टीम को खेलने नहीं देंगेपाकिस्तान के बाद ऑस्ट्रेलिया दूसरा देश होगा जिसको शिवसेना ने क्रिकेट खेलने से मना किया हैबाल ठाकरे का तर्क है कि ऑस्ट्रेलिया में भारतीयों के ऊपर नस्लवादी हमले हो रहे हैं उसका जवाब हम दे रहे हैंइससे पूर्व में मुंबई में रहने वाले उत्तर भारतीयों के ऊपर शिवसेना कुनबे ने हमले किये थेबाल ठाकरे समझते हैं कि उनकी हिटलरी सनक से महाराष्ट्र चलता हैआज जरूरत इस बात की है कि बाल ठाकरे जैसे प्रान्तीयतावादी, नस्लवादी नेताओं के खिलाफ कठोर कदम उठाया जाए क्योंकि उनकी समझ कुछ मुट्ठी भर लोगो को लेकर गुंडा गर्दी के अतिरिक्त कुछ नहीं हैभारतीय लोकतान्त्रिक समाज में इस तरह के घृणापद विचार और हरकतों से देश का कतई भला नहीं होने वाला है बल्कि छोटी मानसिकता वाले लोगो से नुकसान ही होता हैऑस्ट्रेलिया में अगर बाल ठाकरे जैसी मानसिकता वाले लोग अगर भारतीय लोगों पर हमले कर रहे हैं तो वहां का कानून अपना कार्य करेगा प्रत्येक व्यक्ति को कानून लागू करने दण्डित करने का अधिकार किसी भी सभी समाज में नहीं होता है एक निश्चित प्रक्रिया के तहत कानून तोड़ने वाले लोगो को दण्डित किया जाता है समाज प्रगति पर हैबाल ठाकरे जैसे लोग आदिम अवस्था में जीते हैं और फतवे जारी करते हैं
बाल ठाकरे कि अगर सरकारी सुरक्षा व्यवस्था हटा ली जाए तो वह सियार कि तरह से मांद में पड़े नजर आयेंगे तब उनको लोकतंत्र, न्याय, कानून अपने आप समझ में आ जाएगा।

सुमन
loksangharsha.blogspot.com

4 comments:

डा.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) said...

साफ़ सी बात है भाई कि जरा अंदाज़ लगाएं कि यदि ठाकरे सियार है तो उसकी एक आवाज पर जान देने को तैयार खड़ी जनता में कितनी अक्ल है
क्या ऐसे ही लोग लोकतंत्र की ताकत हैं यही आवाम है जिसके लिये हमें लोकतंत्र की दरकार है? वो निःसंदेह चूतिया है लेकिन वो नेता है किनका? एक बड़ी भीड़ है उसके साथ इसका क्या मतलब निकलता है
जय जय भड़ास

Chhaya said...

Agar kutta hamein kate to kya hum kutte ko katenge?

Is tereh Bal thakrey ki chalti rahi to Bharat poori duniya se kat jayega.

मुनव्वर सुल्ताना said...

वो गल रही आइसक्रीम से ज्यादा कुछ नहीं है आप लोग उसे ज्यादा भाव दे रहे हैं
जय जय भड़ास

रजनीश के झा (Rajneesh K Jha) said...

मित्र सुमन जी,
ठाकरे अंतिम सांस ले रहा है, और बुझते दिए के फरफराने की तरह फरफरा रहा है, इसी की नाजाय पैदाइश रजुआ देश में आतंक फैला रहा है. अप तो बलुआ चिंता करे की दो गज जमीन उसे कहाँ नसीब होगी.
जय जय भड़ास

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