राजीव गांधी ने देश में दूरसंचार क्रांति लाई। जिसकी वजह से आज मोबाइल, इंटरनेट जैसे साधन भारतवासियों को उपलब्ध होने से विकास के कई द्वार खुले हैं। राहुल गांधी ने भी यदि अपने पिता की तरह ही भूमिका निभाई, तो निश्चित ही उनका स्वागत किया जाएगा। कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी के बारे में इस प्रकार की राय महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे ने व्यक्त की है।
शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे की बहू स्मिता ठाकरे के बाद अब राज ठाकरे द्वारा भी गांधी परिवार का गुणगान किया जाना राजनीतिक गलियारे में चर्चा का विषय है। महत्वपूर्ण है कि शिवसेना कार्याध्यक्ष उद्घव ठाकरे ने कई बार प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से कांग्रेस पर मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। महाराष्ट्र की कांग्रेस-राकांपा गठबंधन सरकार ने भी कई मौको पर राज ठाकरे के खिलाफ नरम रुख अख्तियार किया था। चूंकि मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे राजनीतिक शख्सियत हैं और बिना वजह वे किसी की कभी प्रशंसा नहीं करते लिहाजा उनके इस बयान का कांग्रेसी नेता अपनी-अपनी सुविधानुसार मतलब निकाल रहे हैं।
एक मराठी दैनिक ने राज ठाकरे को गुरुवार को ‘मटा नायक’ पुरस्कार से सम्मानित किया। इस अवसर पर उन्होंने यूपी और बिहार के लोगों की वजह से मुंबई पर बुनियादी सुविधाओं का बोझ बढ़ने का अपना पुराना आरोप दोहराया। उन्होंने मुस्लिम समाज को दो वर्गो में विभाजित कर कहा, ‘जहां स्थानिक भाषी मुस्लिम होते हैं वहां दंगे नहीं होते।
गुजरात हो या फिर मुंबई-महाराष्ट्र अपवाद साबित नहीं होता। किंतु विशेषकर उत्तर प्रदेश से स्थानांतरित हुआ मुस्लिम समाज दंगों में शामिल होता है।’ मनसे अध्यक्ष ने अपने इस बयान के समर्थन में तर्क देते हुए कहा कि हज यात्रा के लिए मराठी मुस्लिमों का कोटा भी परप्रांतीय मुस्लिम द्वारा हथियाए जाने की बात सामने आने पर मनसे ने आंदोलन किया था। कुल मिलाकर मुस्लिमों में भी स्थानिक और परप्रांतीय का विवाद है? इसके लिए महाराष्ट्र के स्थानिक मुस्लिमों को संघर्ष करना पड़ेगा।
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