रुचिका गिरहोत्रा मामले में हरियाणा पुलिस के पूर्व डीजीपी एसपीएस राठौर के ख़िलाफ़ एक नया तीसरा एफ़आईआर दर्ज किया गया है.मंगलवार को हरियाणा पुलिस ने राठौर के ख़िलाफ़ भारतीय दंड संहिता की धारा 306 के तहत आत्महत्या के लिए उकसाने का मामले दर्ज किया है.
हरियाणा पुलिस ने इस मामले की जाँच सीबीआई को सौंपने की अनुशंसा भी की है. रुचिका गिरहोत्रा एक उभरती हुई टेनिस खिलाड़ी थी. उन्होंने 1990 में शिकायत की थी कि पुलिस अधिकारी राठौर ने उसके साथ छेड़छाड़ की है.
तीन साल बाद 1993 में रुचिका ने आत्महत्या कर ली थी. कुछ दिन पहले ही सीबीआई की एक अदालत ने राठौर को दोषी मानते हुए उन्हें छह महीने की जेल की सज़ा सुनाई थी लेकिन उन्हें उसी दिन ज़मानत पर छोड़ दिया गया.
इससे पहले रुचिका के भाई और पिता ने एसपीएस राठौर के ख़िलाफ़ 29 दिसंबर की रात को पंचकुला के एक पुलिस थाने में दो नए मामले दर्ज कराए थे. इनमें रुचिका के भाई को वाहन चोरी के फ़र्ज़ी मामलों में फँसाने, उनके साथ मारपीट करने और रुचिका की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में फेरबदल करने का आरोप शामिल था.
पहले आशंका जताई जा रही थी कि दो नए एफ़आईआर के बाद राठौर की गिरफ़्तारी हो सकती है लेकिन उन्हें सात जनवरी तक अंतरिम अग्रिम ज़मानत मिल गई. उधर एसपीएस राठौर से उनका पुलिस पदक वापस लेने का फ़ैसला किया गया है.
यह मामला 1997 में पुलिस के हाथ से लेकर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दिया गया था. उसने 2000 में अपनी चार्जशीट दाख़िल की थी. इस मामले में पहले तो पुलिस ने एफ़आईआर दर्ज करने से इनकार कर दिया था लेकिन बाद में हाईकोर्ट के आदेश पर एसपीएस राठौर के खिलाफ़ मामला दर्ज किया गया था.
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