अब बलात्कार मामले की सुनवाई महिला जज ही करेगी। पीडिता का बयान लेने के लिए अब महिला पुलिस अधिकारी को उसके घर जाना होगा, उसके माता-पिता या किसी एनजीओं की मौजूदगी में बयान दर्ज करना होगा, यह सब सीआरपीसी के नये संशोधन के तहत 31 दिसंबर से लागू हो गये है, इस संबंध में गृह मंत्रालय ने अधिसूचना जारी कर दी है ।
तुंरत मेडिकल जांच सीआरपासी में किये गये कई बदलाव लागू होने के साथ ही बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार व्यक्ति की तुंरत मेडिकल जांच करानली होगी, इसी तरह धारा 161 के तहत दर्ज बयान को बलात्कार के मामले में अनिवार्य तौर पर शामिल करना होगा, नये संशोधनों से जलालत और अपमान झलने वाली महिलाओं को न्याय मिलना आसान हो जायेगा, वकील की सेवा लेने की इजाजत सीआरपीसी के कुछ प्रावधानों में वर्ष 2006 में ही बदलाव किया गया था, लेकिन इनका नोटिफिकेशन नहीं हुआ था, इसलिए ये लागू नहीं हो पाये थे लागू हए संशोधनों के जरिये पीडिता को परिभाषित कर दिया गया है। उसे प्रोसिक्यूशन की मदद या अपील दायर करने के लिए वकील की सेवा लेने की इजाजत दी गई है।
सूचना के लिए धन्यवाद!
ReplyDeleteनववर्ष मंगलमय हो और आप के जीवन में नयी खुशियाँ लाए।